उत्तराखंड में तबाही की आहट! देहरादून के बाद उत्तरकाशी में बनी झील
जानकीचट्टी से पांच किमी पहले सड़क कटिंग के मलबे से यमुना नदी का प्रवाह रुकने लगा है। इससे वहां एक झील बन रही है, जो भविष्य में अनहोनी की वजह बन सकती है।
Jul 7 2022 7:21AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है।
Lake formed in Uttarkashi Jankichatti
यहां पर्वतीय क्षेत्रों में बनने वाली झीलें कई बार आपदा का सबब बन चुकी हैं, जिनके घाव अब तक हरे हैं। बीते दिनों देहरादून से खबर आई की यहां डोईवाला में सूर्यधार झील के आगे एक कृत्रिम झील बन गई है। इससे आसपास के कई गांवों पर खतरा मंडरा रहा है। डोईवाला के बाद उत्तरकाशी में भी तबाही की आहट सुनाई दे रही है। यहां यमुना नदी में झील बनने की बात सामने आई है। यमुनोत्री धाम के महत्वपूर्ण पड़ाव जानकीचट्टी से पांच किमी पहले सड़क कटिंग के मलबे से यमुना नदी का प्रवाह रुकने लगा है। इससे वहां एक झील बन रही है, जो भविष्य में अनहोनी की वजह बन सकती है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इस बारे में कुछ पता नहीं। मामला अधिकारियों के संज्ञान में है, लेकिन यमुना के प्रवाह को सुचारु बनाए रखने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
वर्षा काल में यमुना नदी उफान पर रहती है। अगर सड़क कटिंग के मलबे से बन रही झील को तोड़ा नहीं गया तो वर्षाकाल में भारी मात्रा में जमा मलबे से यमुना में उफान आ सकता है। इससे निचले क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है। ग्रामीणों ने बताया कि झील के पास ही दूर्बिल गांव के लिए सड़क कटिंग का कार्य चल रहा है, जिसका मलबा सीधे यमुना नदी में फेंका जा रहा है। इससे नदी का प्रवाह थम-सा गया है और नदी पर एक झील बन गई है। वहीं मामले को लेकर उपजिलाधिकारी शालिनी नेगी ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है। जानकीचट्टी से करीब पांच किमी बड़कोट की ओर यमुना नदी का प्रवाह मलबे से प्रभावित हो रहा है। संबंधित विभाग को इस बारे में सूचना दे दी गई है। झील के पास जरूरी सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। ग्रामीणों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।