उत्तराखंड में थमेगा आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक, हाईकोर्ट में जल्द हो सकता है बड़ा फैसला
नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से आवारा कुत्तों सहित बधियाकरण किए गए कुत्तों की संख्या और डॉग बाइट के शिकार लोगों की रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
Jul 15 2022 8:57PM, Writer:कोमल नेगी
बीते दिन लखनऊ से आई एक खबर ने सबको हिलाकर रख दिया। यहां पालतू पिटबुल डॉग ने अपनी मालकिन की जान ले ली।
monkey and stray dogs case Hearing in High Court
उत्तराखंड में भी डॉग बाइट और बंदरों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे मामलों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रूख अपनाते हुए राज्य सरकार से आवारा कुत्तों सहित बधियाकरण किए गए कुत्तों की संख्या और डॉग बाइट के शिकार लोगों की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। नैनीताल हाईकोर्ट में नैनीताल समेत पूरे उत्तराखंड में बंदर व कुत्तों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नगर पालिका नैनीताल को पक्षकार बनाते हुए पालिका से कहा कि वो आवारा कुत्तों सहित बधियाकरण किए गए कुत्तों की संख्या बताए। साथ ही डॉग बाइट के शिकार लोगों के बारे में भी जानकारी दे।
कोर्ट ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिए हैं कि राज्य की सभी नगर पालिकाओं व ग्राम पंचायतों से इस तरह की रिपोर्ट 21 सितंबर तक कोर्ट में पेश करे। मामले में अगली सुनवाई को 21 सितंबर की तिथि नियत की है। बता दें कि नैनीताल निवासी गिरीश खोलिया ने कुत्तों के बढ़ते आतंक को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। उन्होंने बताया कि शहर में आवारा कुत्ते अब तक सैकड़ों लोगों को काट चुके हैं, जिसके चलते कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था, बावजूद इसके इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। याचिकाकर्ता ने बंदर और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। नैनीताल समेत उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी बंदर-लंगूर और आवारा कुत्ते दहशत का सबब बने हुए हैं। स्कूली बच्चों और राहगीरों की आवाजाही मुश्किल हो गई है। नैनीताल की बात करें तो यहां पालिका की ओर से लाखों की लागत से एनीमल बर्थ यूनिट बनाई गई है, लेकिन आवारा कुत्तों की संख्या घटने की बजाय लगातार बढ़ रही है।