सावधान! टिहरी झील में हर दिन 2 मीटर बढ़ रहा है वॉटर लेवल, टूट सकतें हैं सभी पुराने रिकॉर्ड
25 जुलाई को Tehri lake का Water level 780 मीटर दर्ज किया गया था, जबकि शनिवार को झील का जलस्तर 794 मीटर से ऊपर हो गया।
Aug 2 2022 8:35AM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से जारी बारिश आफत का सबब बनी हुई है। भूस्खलन की घटनाएं बढ़ने के साथ ही नदियों-गदेरों का जलस्तर भी बढ़ गया है।
Tehri lake Water level rising every day
लगातार बारिश से टिहरी झील का जलस्तर भी तेजी से बढ़कर 794 मीटर पर पहुंच गया है। पिछले एक हफ्ते से टिहरी झील के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। एक हफ्ते के भीतर ही झील का जलस्तर 14 मीटर बढ़ चुका है। झील का जलस्तर रोजाना दो मीटर तक बढ़ रहा है। 25 जुलाई को टिहरी झील का जलस्तर 780 मीटर दर्ज किया गया था, जबकि शनिवार को टिहरी झील का जलस्तर 794 मीटर से ऊपर हो गया। शनिवार को झील से 205 क्यूमैक्स पानी छोड़ा गया। टीएचडीसी अधिकारियों ने बताया कि झील से इन दिनों आठ से नौ मिलियन यूनिट प्रतिदिन बिजली उत्पादन हो रहा है।
पिछले साल टिहरी झील का जलस्तर सितंबर माह में 830 मीटर तक पहुंचा था, लेकिन इस साल अगर बारिश इसी तरह होती रही तो अगस्त आखिरी सप्ताह तक टिहरी बांध का झील स्तर अपने उच्चतम स्तर 830 मीटर तक पहुंच जाएगा। पिछले कई दिनों से टिहरी और उत्तरकाशी जिले में लगातार बारिश हो रही है। जिसका असर टिहरी झील के बढ़े हुए जलस्तर के रूप में देखा जा सकता है। शनिवार को भागीरथी और भिलंगना नदी से 900 क्यूमैक्स पानी टिहरी झील में पहुंचा। उधर प्रदेश के दूसरे जिलों की तरह टिहरी के लोगों के लिए भी बारिश आफत बनी हुई है। यहां भिलंगना ब्लाक के पिंसवाड़- बूढ़ाकेदार मोटर मार्ग कई दिन बाद भी ठीक नहीं किया जा सका है। इस कारण तीन गांव के 12 सौ ग्रामीण गांव में ही फंसे हैं। शनिवार तड़के नई टिहरी में चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए। ग्रामीणों ने भागकर जान बचाई। यही नहीं, पिंसवाड़, उणी, बनाली में पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं, पेयजल लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं।