उत्तराखंड: ततैया के झुंड ने 11 साल के बच्चे को मार डाला, रास्ता बंद होने से नहीं मिला इलाज
रितिक की पढ़ाई की खातिर पिता सुरेश ने गांव छोड़ चंपावत में किराये पर रहना शुरू कर दिया था। वो मजदूरी कर बच्चे को पढ़ा रहे थे, लेकिन सब खत्म हो गया।
Aug 13 2022 2:07PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
चंपावत में एक दुखद घटना हुई है।
Kid dies due to wasp bite in Champawat
यहां ततैयों के झुंड ने 11 साल के एक बच्चे पर हमला कर दिया था। बच्चा दर्द से तड़प उठा। घायल बच्चे को परिजन अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन स्वांला में मलबा आने से एनएच बंद होने पर परिजन उसे हायर सेंटर नहीं ले जा सके। निराश परिजनों ने बच्चे को दोबारा लोहाघाट अस्पताल में भर्ती करा दिया, लेकिन अफसोस की बच्चे की जान नहीं बच सकी। 11 साल का रितिक पुत्र सुरेश चंद्र थ्वाल राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच में पढ़ता था। शाम करीब पांच बजे अपने कुछ साथियों के साथ घर में खेल रहा था। इसी बीच ततैयों के झुंड ने रितिक पर हमला कर दिया। दर्द से बुरी तरह कराह रहे रितिक को जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रितिक की हालत में सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों ने बच्चे को जिला अस्पताल से हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया था।
परिजन रितिक को लेकर निकल पड़े। इस बीच टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग स्वालां में मलबा आने से बंद हो गया। तब परिजन बच्चे को लोहाघाट अस्पताल वापस ले आए। जहां रितिक ने दर्द से तड़पने हुए दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत से परिवार में मातम पसरा है। परिजनों के आंसू नहीं थम रहे। रितिक के माता-पिता बेहद गरीब हैं। उसके पिता सुरेश चंद्र थ्वाल चंपावत से 29 किमी दूर बडोली गांव में रहते थे, लेकिन बच्चो की पढ़ाई की खातिर वो कुछ साल पहले चंपावत आ गए थे। सुरेश चंपावत में किराये के कमरे में रहकर बच्चों को पढ़ा रहा था, मजदूरी कर उनका लालन-पालन कर रहा था। रितिक की मां मंजू देवी प्राथमिक स्कूल में भोजनमाता हैं। परिवार को लाडले रितिक से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन बीते दिन सब खत्म हो गया। अचानक हुई इस अनहोनी से माता-पिता गहरे सदमे में हैं।