उत्तराखंड का परी ताल, यहां आज भी पूर्णिमा के दिन परियां नहाने आती हैं..जानिए रहस्य
pari tal की गिनती uttarakhand के सबसे रहस्यमयी तालों में होती है। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन यहां परियां नहाने आती हैं।
Aug 16 2022 6:50PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड की धरती खुद मे कई रहस्यों को समेटे हुए है। यहां ऐसी कई अनछुई जगहें हैं, जो आज तक सामने नहीं आ सकीं।
Nainital pari tal track guide map and all detail
शायद ये अच्छा ही है, क्योंकि इंसानी दखल न होने की वजह से ही ये जगहें अपनी खूबसूरती बरकरार रख पाई हैं। यहां टिहरी में स्थित खैट पर्वत को लेकर मान्यता है कि इस जगह आज भी परियों का निवास है। देश-दुनिया के लोग खैट पर्वत को देखने के लिए हर साल उत्तराखंड आते हैं, लेकिन आज हम खैट पर्वत नहीं, बल्कि उत्तराखंड के उस ताल की बात करेंगे जहां परियां नहाने आती हैं। यही वजह है कि इस जगह को परी ताल के नाम से जाना जाता है। नैनीताल शहर से 25 किलोमीटर दूर एक गांव है चाफी। यहां से 3 किमी के पैदल रास्ते पर चलकर परी ताल पहुंचा जा सकता है। ये सफर रोमांचक होने के साथ ही खतरनाक भी है। परी ताल के रास्ते में अंग्रेजों के जमाने का एक पुल भी पड़ता है।
nainital pari tal track
परी ताल की गिनती उत्तराखंड के सबसे रहस्यमयी तालों में होती है। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन यहां परियां नहाने आती हैं। इस ताल के आसपास की कुछ काली चट्टानें दिखती हैं। इन्हें शिलाजीत युक्त चट्टान माना जाता है। यह एंटी एजिंग के लिए औषधीय तत्वों से भरपूर होती है। इस ताल से सटा एक खूबसूरत सा झरना भी दिखाई देता है, जो इसकी सुंदरता को और निखार देता है। परी ताल की असल गहराई का आज तक पता नहीं चल पाया है। क्योंकि ये ताल परियों का ताल माना जाता है, इसलिए स्थानीय लोग यहां नहाने और डुबकी लगाने से परहेज करते हैं। तो अगली बार आप जब भी नैनीताल आएं अपनी लिस्ट में नैनीझील, भीमताल, नौकुचियाताल, हनुमान ताल, सीताताल और कमलताल जैसी झीलों के साथ परी ताल को भी जरूर शामिल करें। यकीन मानिए इस जगह की खूबसूरती आपको रोमांचक एहसास से भर देगी, एक ऐसा एहसास जिसे आप कभी भूल नहीं पाएंगे।