उत्तराखंड: भ्रष्टाचार की गंगा में अरविंद पांडे ने भी धोए हाथ? 8 रिश्तेदारों को दिलाई नौकरी!
ताजा मामला पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के रिश्तेदारों को नौकरी देने को लेकर वायरल पत्र से जुड़ा है जो सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है।
Sep 1 2022 11:19AM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
चलिए भई, अब यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले के बाद पूर्व में पेपेरलीक जे कई मामले उजागर हो गए हैं और अब कई मंत्रियों के नाम भी सामने आ रहे हैं।
uttarakhand arvind pandey gave jobs for his relatives
उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों में धांधली को लेकर हर रोज नये खुलासे हो रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं के नाम सामने आ चुके हैं।ताजा मामला पूर्व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के रिश्तेदारों को नौकरी देने को लेकर वायरल पत्र से जुड़ा है जो सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। इस वायरल पत्र में अरविंद पांडे के 8 रिश्तेदारों का नाम शामिल है। आरोप है कि अरविंद पांडे ने मंत्री रहते हुए अपने भाई, भतीजे और दामाद को नौकरियों पर लगवाया था। इस पत्र के वायरल होने के बाद से प्रदेश की राजनीति में भूचाल मच गया है, हालांकि राज्य समीक्षा इस वायरल लेटर की पुष्टि नहीं करता। लेटर में अरविंद पांडे के आठ रिश्तेदारों को नौकरी देने का दावा किया जा रहा है। आरोप है कि अरविंद पांडे ने अपने कार्यकाल के दौरान कई रिश्तेदारों को नौकरी पर लगाया था। सभी 8 लोग बिहार और बाजपुर से बताए जा रहे हैं।
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इस पूरे मामले में बीबीसी ने एक कवरेज किया है जिसमें उत्तराखंड भर्ती घोटालों के बारे में संक्षिप्त लिखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के कई मंत्रियों ने अपने करीबियों को नौकरी पर लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के पीआरओ, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या के पीआरओ, भाजपा के संगठन महामंत्री अजेय कुमार के पीआरओ और मुख्यमंत्री के दो ओएसडी की पत्नी को विधानसभा में नौकरी दी गई है।
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वहीं बीजेपी ने नेताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के क़रीबी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल के कार्यकाल में पर भर्ती हुए उनके नज़दीकियों की सूची जारी कर दी। इस सूची में कुंजवाल के बेटे और बहू का भी नाम है। वहीं कुंजवाल ने यह स्वीकार भी किया है कि उन्होंने अपने बेटे-बहू को नौकरी पर लगाया था क्योंकि वे दोनों बेरोजगार थे। कुल मिला कर यह बात अब यूकेएसएसएससी परीक्षा से कहीं आगे जा चुका है। अब देखना यह है कि यह मामला कितने दिनों तक अखबार की सुर्खियों में रहता है और सरकार नकल गिरोह एवं अन्य नेताओं पर कितनी कड़ी कार्यवाही करती है।