कौन है हाकम सिंह रावत का वो जिगरी यार? जो कांस्टेबल से प्रमोट होकर बना इंस्पेक्टर
कहा जा रहा है कि विभागीय दरोगा भर्ती में हुए फर्जीवाड़े में हाकम सिंह रावत Hakam Singh Rawat का एक साथी भी शामिल है।
Sep 6 2022 7:47PM, Writer:कोमल नेगी
पेपर लीक मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड में बीते सालों में हुई सरकारी भर्तियां सवालों के घेरे में हैं। साल 2016 में हुई विभागीय दरोगा भर्ती की जांच भी शुरू होने वाली है।
Hakam Singh Rawat friend Police Inspector
इस भर्ती के माध्यम से पुलिस विभाग में 307 दरोगा चयनित हुए थे। बताया जा रहा है कि इनमें कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति हासिल की। पूर्व में पकड़े गए नकल माफिया हाकम सिंह के साथ विभागीय रैंकर दरोगा की एक फोटो भी वायरल हुई है। ये भी कहा जा रहा है कि विभागीय दरोगा भर्ती में हुए फर्जीवाड़े में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के करीबी रहे रणजीत रावत का बड़ा हाथ रहा। पुलिस महकमे के कुछ सिपाही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अब तक 34 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। जिसके बाद जल निगम भर्ती, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड में जूनियर इंजीनियर (जेई) भर्ती, विधानसभा भर्ती, यूपीसीएल भर्ती, उर्दू अनुवादक भर्ती, वन आरक्षी भर्ती, वन दरोगा भर्ती और दरोगा भर्ती में धांधली-घोटाले के आरोप लग रहे हैं।
इस बीच विभागीय दरोगा भर्ती में हुए फर्जीवाड़े को लेकर भी पुलिस महकमे के कई सिपाही लामबंद हो गए हैं। ये वो सिपाही हैं, जो कि दरोगा बनते-बनते रह गए थे। बता दें कि पुलिस विभाग में कांस्टेबल को प्रमोट करके विभागीय रैंकर भर्ती के जरिये दरोगा बनाया जाता है। वर्ष 2016 में 307 कांस्टेबल को विभागीय रैंकर भर्ती के माध्यम से दरोगा बनाया गया था। बताया जा रहा है कि इस दौरान हाकम सिंह Hakam Singh Rawat के कई चहेते कांस्टेबल प्रमोशन पाकर फर्जी तरीके से दरोगा बन गए। उधर, धोखा खाए कांस्टेबल अब विभागीय रैंकर दरोगा भर्ती 2016 की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे हैं। ये भी कहा जा रहा है कि अगर मामले की सीबीआई जांच हुई तो 2016 रैंकर दरोगा भर्ती रद्द की जा सकती है।