image: Jojoda tradition of Uttarakhand Jaunsar

अद्भुत उत्तराखंड: यहां दूल्हे के घर बारात लेकर जाती है दुल्हन, सदियों से चली आ रही अनूठी परंपरा

जौनसार बावर क्षेत्र की बोली में विवाह को जोजोड़ा कहा जाता है। जिसका अर्थ है- जो जोड़ा उस भगवान ने बनाया है।
Sep 7 2022 3:48PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

देवों की पावन भूमि उत्तराखंड भिन्न भिन्न प्रकार की संस्‍कृतियों और परंपराओं को अपनी गोद में समेटे हुए है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक अलग अलग क्षेत्रों में अपनी परंपराएं हैं जिनसे उत्तराखंड संपूर्ण होता है। अलग अलग लोगों ने अपनी अनोखी परंपराएं सहेज कर रखी हैं।

Jojoda tradition of Uttarakhand Jaunsar

राज्य समीक्षा पर आज हम आपको देहरादून के जौनसार-बावर क्षेत्र की ऐसी ही परंपरा के बारे में बता रहे हैं जो कि पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ रही है और आज भी विवाह के समय इन परंपराओं का पालन किया जाता है। जौनसार-बावर क्षेत्र राजधानी देहरादून से करीब 90 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। रोचक बात यह है कि यहां के लोगों को पांडवों का वंशज माना जाता है। जौनसार-बावर के रीति-रिवाज और परंपराएं भी काफी अलग हैं। यहां पर होने वाले विवाह की चर्चा देशभर में होती है। यहां होने वाले विवाह में दूल्‍हे वाले नहीं बक्लि दुल्‍हन वाले बराती होते हैं। जी हां, यहां बारात लड़के वाले नहीं बल्कि लड़की वाले लेकर आते हैं। है न यह अनोखी बात? यहां विवाह के शुभावसर पर दुल्‍हन सज धज कर बरात के साथ दूल्‍हे के घर पहुंचती है। वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी कई इलाकों में जारी है।

इस दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर लड़की वाले नाचते-गाते बराती दुल्‍हन को लेकर दूल्हे के घर पहुंचते हैं और विवाह के अवसर पर यहां लोकगीत मेशाक, जेठा, पटेबाजी. सारनदी टांडा आदि पर भी लोग खूब झूमते हैं। दूल्‍हे के घर पर ही पूरे रीति-रिवाजों के साथ शादी की सभी रस्में होती हैं। अगले दिन दुल्हन अपने पति के घर में ही रुक जाती है और बारात लौट आती है। जौनसार बावर क्षेत्र की बोली में विवाह को जोजोड़ा कहा जाता है। जिसका अर्थ है- जो जोड़ा उस भगवान ने बनाया। वहीं लड़की वाले यानी कि बरातियों को जोजोड़िये कहते हैं। विवाह के दिन दुल्हन पक्ष के लोग ढोल-नगाड़ों के साथ दूल्हे के घर बरात लेकर पहुंचते हैं। ठीक वैसे ही जैसे अधिकांश शादियों में लड़के वाले आते हैं। लड़की वालों की बरात आने के बाद उनके स्वागत में पकवानों का प्रबंध किया जाता है और उनकी खूब खातिरदारी होती है। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी जौनसार-बावर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है और आज भी लोगों ने इस अनूठी परंपरा को सहेज कर रखा हुआ है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home