उत्तराखंड में भी ‘टोमैटो फ्लू’ का प्रकोप! बच्चों को है सबसे ज्यादा खतरा..जानिए लक्षण और बचाव
प्रदेश के कई जिलों में हैंड फुट माऊथ डिजीज Tomato flu का प्रकोप बढ़ रहा है। यह संक्रमण खांसने, छींकने से फैलता है। आगे जानिए लक्षण और बचाव के उपाय
Sep 14 2022 11:05AM, Writer:कोमल नेगी
हमारी ये खबर बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी है।
Uttarakhand Tomato flu advisory
स्वास्थ्य विभाग ने हैंड फुट माऊथ डिजीज (एचएफएमडी) टोमैटो फ्लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। ये बीमारी बच्चों में फैलती है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने हैंड फुट माऊथ डिजीज को लेकर अलर्ट जारी किया है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा है। पत्र में लिखा है कि प्रदेश के कई जिलों में हैंड फुट माऊथ डिजीज, टोमैटो फ्लू Tomato flu का प्रकोप बढ़ रहा है। tomato flu symptoms यह संक्रमण खांसने, छींकने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी संपर्क में आने, थूक या लार के संपर्क से भी फैलता है। इसमें बच्चे को बुखार आने के साथ ही बदन दर्द, जी मिचलाना, भूख न लगना, गले में सूजन व दर्द, दस्त लगना, जोड़ों में सूजन के साथ ही एक से दो दिन के भीतर मसूड़ों, चेहरे, जीभ, हाथ व पंजों में चकत्ते आ जाते हैं। यह मामूली रोग के रूप में परिलक्षित होता है और सामान्य लक्षणों के साथ खुद ही ठीक होने वाला रोग है। आगे जानिए इससे बचाव के तरीके
tomato flu prevention
थोड़ी सी सावधानी से इस रोग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सकता है। अब बचाव के तरीके भी जान लें। डॉ. आर राजेश कुमार के मुताबिक, लक्षण होने पर बॉडी हाइड्रेट रखें। प्रचुर मात्रा में पानी व तरल पदार्थों का सेवन करें। संतुलित आहार जैसे हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन, विटामिन का सेवन करें। बुखार व दर्द के लिए पैरासिटामॉल का इस्तेमाल करें। बीमारी से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित बच्चे या व्यक्ति को बीमारी की अवधि के दौरान आइसोलेट करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बच्चों को जागरूक करने को भी कहा है कि वह चकत्तों को न रगड़ें, मास्क का इस्तेमाल करें। सभी जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को टोमैटो फ्लू की कड़ी निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में लिखा है कि सभी राजकीय व निजी अस्पतालों में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को Tomato flu के संबंध में जागरूक किया जाए। आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से भी जागरूकता बढ़ाई जाए।