उत्तराखंड की 80 हजार बेटियों को नवरात्र का तोहफा, CM धामी ने अकाउंट में भेजी धनराशि
नंदा गौरा योजना के अंतर्गत 80 हज़ार लाभार्थी बालिकाओं को PFMS के माध्यम से 323 करोड़ 22 लाख की धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण किया गया।
Sep 26 2022 2:56PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्य सेवक सदन, मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
daughters got benefit of Nanda Gaura Yojana
इस दौरान नंदा गौरा योजना के अंतर्गत 80 हज़ार लाभार्थी बालिकाओं को PFMS के माध्यम से 323 करोड़ 22 लाख की धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री 2017-18 सत्र की 5310 बालिकाओं, 2018 -19 सत्र की 460 बालिकाओं, 2019 - 20 सत्र की 1567 बालिकाओं, 2020 - 21 सत्र की 16210 बालिकाओं एवं 2021 - 22 सत्र की 56177 बालिकाओं, इस प्रकार से कुल 80 हज़ार वंचित लाभार्थि बालिकाओं को धनराशि का डिजिटल माध्यम से हस्तांतरण किया गया। मुख्यमंत्री ने सभी को शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस शुभ अवसर पर प्रदेश की बेटियों को धनराशि हस्तांतरण कर अपने को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के महा अभियान की शुरुआत की थी, यह नंदा गौरा योजना भी उसी परिपेक्ष में बालिकाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के रास्ते पर ले जाती है, उन्होंने कहा हमें हर लड़की के समग्र विकास में गतिशील प्रगति होना चाहिए, एक बालिका के पैदा होने से उसकी पढ़ाई एवं शादी होने तक सरकार हमेशा उसके साथ खड़ी रहती है, उन्होंने कहा प्रत्येक बालिका का अधिकार है कि उसकी क्षमता के विकास का पूरा मौका मिले, इसके साथ ही यह देव भूमि एवं देवियों की भूमि दोनों कहलाएगा। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि 2017-18 से 2021 -22 तक के नंदा गौरा योजना के अंतर्गत 80 हज़ार लाभार्थी बालिकाओं को PFMS के माध्यम से ₹ 323 करोड़ 22 लाख की धनराशि का डिजिटल माध्यम से हस्तांतरण किया गया है एवं इस वर्ष 2022 से सारी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्म से की जायेगी ताकि पात्र बालिकाओं को ये लाभ प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना कटाने पड़े, उन्होंने कहां बालिकाएं अपने कर्तव्य, एवं भविष्य में अपनी भूमिका एवं समाज को दे रहे योगदान को समझें। ताकि वह आने वाले समय में देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य के विकास में अपना योगदान दें।