पौड़ी गढ़वाल बस हादसा: 28 सीटर बस में ठूंसे थे 52 बाराती, काल के गाल में समाए 33 लोग
हरिद्वार से चली 28 सीटर बस में क्षमता से करीब दोगुने यात्री, चालक व परिचालक समेत 52 लोग सवार थे। ये भी पता चला है कि बस जुगाड़ से दौड़ रही थी।
Oct 6 2022 6:45PM, Writer:कोमल नेगी
पौड़ी में हुए बस हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है।
Pauri Garhwal bus accident due to overloading
घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। इस बीच हादसे के कई कारण सामने आए हैं। सिमड़ी गांव के पास हुआ ये हादसा कोई संयोग नहीं, बल्कि लापरवाही का परिणाम था। ओवरलोडिंग भी हादसे की बड़ी वजह है। हरिद्वार जिले के लालढांग के कटेवड़ गांव से लैंसडौन के कांडा तल्ला जा रही 28 सीटर बस में क्षमता से करीब दोगुने यात्री, चालक व परिचालक समेत 52 लोग सवार थे। ये भी पता चला है कि बस जुगाड़ से दौड़ रही थी। बस की फिटनेस 26 अक्टूबर, 2022 तक मान्य है, लेकिन रास्ते में दो बार खराबी आने के बावजूद जुगाड़बाजी कर बस को दौड़ाया जाता रहा। घायल बरातियों ने बताया कि कोटद्वार से करीब 55 किमी आगे सिसल्डी में बस की अगली कमानी (पट्टा) में खराबी आ गई थी। तब चालक ने जुगाड़बाजी कर बस को चलने लायक बनाया। कुछ किमी चलने पर कमानी में फिर से खराबी आई तो मैकेनिक को भी दिखाया, मगर पूरी तरह बस ठीक नहीं हुई।
आगे चलकर यही कमानी टूट गई और बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। इतना ही नहीं 140 किमी के सफर में यह बस छह थाना क्षेत्रों, पुलिस और परिवहन विभाग की विभिन्न चेकपोस्ट से गुजरी, मगर कहीं भी जिम्मेदारों ने ओवरलोड बस को रोकने की जहमत नहीं उठाई। अगर जिम्मेदारों ने अपना काम ठीक से किया होता तो 33 लोगों की जान बच जाती, आज 30 गांवों में कोहराम न मचा होता। मरने वालों में दूल्हे के भाई कुलदीप, बहन सतेश्वरी देवी और 11 साल का भतीजा सचिन भी शामिल है। बता दें कि मंगलवार को लालढांग के कटेवड़ गांव निवासी युवक की बारात दोपहर 12 बजे कांडा तल्ला के लिए रवाना हुई थी। मंगलवार शाम को करीब सात बजे दुल्हन के घर यानी कांडा तल्ला से एक किलोमीटर पहले बस अनियंत्रित होकर साढ़े तीन सौ मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में 33 लोगों की मौत हो गई।