Uttarakhand avalanche: कैसा है द्रौपदी का डांडा, कैसे हुई 26 लोगों की मौत? सब कुछ जानिए
Uttarakhand Draupadi Ka Danda avalanche नेहरू पर्वतारोहण संस्थान सालों से एडवांस्ड ग्रुप की ट्रेनिंग यहीं देता रहा है।
Oct 7 2022 7:09PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा में हुए हिमस्खलन में उत्तराखंड की दो मशहूर पर्वतारोही बेटियां हिमालय की गोद में समा गईं। इनमें एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वाली युवा पर्वतारोही सविता कंसवाल भी शामिल हैं।
detail about Uttarakhand Draupadi Ka Danda Track
अब तक 26 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 3 प्रशिक्षु अब भी लापता हैं। जिस द्रौपदी का डांडा चोटी पर यह हादसा हुआ, उसे पर्वतारोहण प्रशिक्षण के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता था, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान सालों से अडवांस्ड ग्रुप की ट्रेनिंग यहीं देता रहा है। ऐसे में ये सवाल हर किसी को परेशान किए हुए है कि मंगलवार को यहां अचानक क्या हुआ। जो लोग अब भी बर्फ की दरारों में फंसे हुए हैं, उनके परिजन भी डरे हुए हैं। बात करें क्रेवास की तो ये हिमालय की चोटियों में मौत के अंधे कुएं जैसे होते हैं। गहरी दरार के ऊपर बर्फ की एक कच्ची सी परत। पैर पड़ा नहीं कि पर्वतारोही उसमें समा जाता है। इसीलिए सभी रस्सी से बंधकर चलते हैं। उम्मीद यही है कि यह दरार बहुत गहरी न हो। वहां फंसे हुए सभी लोग सुरक्षित हों। लोगों को विश्वास है कि द्रौपदी उनकी रक्षा कर रही होंगी। आगे पढ़िए
draupadi ka danda summit detail
उत्तराखंड के पहाड़ों में आज भी पांडवों का वास माना जाता है। उत्तरकाशी से करीब 70 किलोमीटर दूर साढ़े 18 हजार फीट ऊंची द्रौपदी का डांडा के बारे में कहा जाता है कि द्रौपदी ने यहां पर शरीर त्यागा था। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) के एडवांस्ड कोर्स के 41 ट्रेनीज का ग्रुप यहीं से आगे बढ़ा था। माहिर पर्वतारोही सविता कंसवाल इस ग्रुप में बतौर इंस्ट्रक्टर शामिल थीं। निम के इतिहास में इस जगह पर यह पहला इतना बड़ा हादसा है। हर कोई कुदरत के इस रूप को देखकर हैरान है। एवरेस्ट पर चढ़ चुकीं 25 साल की युवा पर्वतारोही शीतलराज कहती हैं समिट के दौरान पहाड़ ट्रिगर कर जाते हैं। इंसान के जाने से वाइब्रेशन होता है। संभव है इस अभियान दल के साथ यही हुआ होगा। बर्फ कच्ची हो तो वह हिमस्खलन की शक्ल ले लेती है। पर्वतारोही लवराज धर्मसत्तू बताते हैं कि मैं द्रौपदी के डांडा में गया हूं। यह सेफ जगह मानी जाती है। कई सालों से यहां निम के एडवांस्ड ग्रुप की ट्रेनिंग चल रही है। द्रौपदी के डांडा में नीचे सॉलिड बर्फ है। ट्रेनिंग के लिहाज से यह आदर्श जगह है।