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केदारनाथ हेलीकॉप्टर क्रैश: पायलट ने पत्नी को किया था आखिरी कॉल-‘ मेरी बेटी का ध्यान रखना’

अनिल सिंह ने सोमवार को अपनी पत्‍नी से फोन पर बात की थी। जब उन्‍होंने पत्नी से बात की थी तो उनके अंतिम शब्द थे कि मेरी बेटी का ख्याल रखना।
Oct 19 2022 4:34PM, Writer:कोमल नेगी

केदारनाथ में हुई हेली दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई। इतना ही नहीं इस हादसे ने तीर्थ यात्रियों के लिए सुरक्षित हेली सेवा उपलब्ध कराने के दावों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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हादसे के वक्त आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल सिंह हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। वो साल 2018 से आर्यन एविएशन कंपनी में पायलट के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। अनुभवी पायलट थे। मंगलवार को आम दिनों की तरह उन्होंने गुप्तकाशी के नाला हेलीपैड से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन वापसी में हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया। हेलीकॉप्टर के पायलट अनिल सिंह ने हादसे से एक दिन पहले पत्नी आनंदिता से बात की थी और अपनी बेटी फिरोजा के प्रति चिंता जाहिर की थी। अनिल सिंह ने सोमवार को अपनी पत्‍नी से फोन पर बात की थी। जब उन्‍होंने पत्नी से बात की थी तो उनके अंतिम शब्द थे कि मेरी बेटी का ख्याल रखना। उसकी तबीयत ठीक नहीं है।बताया जा रहा है कि पायलट ने हादसे से पहले मौसम खराब होने की सूचना दी थी। पायलट अनिल कुमार ने कहा था कि घना कोहरा आ गया है और कुछ नजर नहीं आ रहा है। इसलिए वापस आ रहे हैं। लेकिन उससे पहले ही दुर्घटना हो गई। आगे पढ़िए

प्रारंभिक जांच के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि केदारनाथ से उड़ान भरने के बाद पायलट अनिल कुमार ने कंट्रोल रूम में कॉल किया था। आशंका जताई जा रही है कि दुर्घटना का कारण हेलीकॉप्टर का पहाड़ी से टकराना भी हो सकता है। इंजन में खराबी आने से भी दुर्घटना हो सकती है। इस हादसे में मुंबई निवासी पायलट अनिल कुमार (57 वर्ष), पूर्वा रामानुज (26 वर्ष), कुर्ती बराड़ (30 वर्ष) व ऊर्वी बराड़ (25 वर्ष) तीनों निवासी गुजरात, सुजाता (56 वर्ष) व उनके पति प्रेम कुमार (63 वर्ष), कला (60 वर्ष) निवासी तमिलनाडु की मौत हो गई। यहां आपको पायलट अनिल सिंह के बारे में ये बातें भी जाननी चाहिए। आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल सिंह वर्ष 2018 से आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकाप्टर उड़ा रहे थे। आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त होने के बाद अनिल सिंह चार साल से केदारनाथ धाम के लिए नियमित उड़ान भर रहे थे। पायलट अनिल सिंह को लगभग 4800 घंटे हेलीकॉप्टर चलाने का अनुभव था।


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