image: Indias first glass bridge in Rishikesh Bajrang setu

ऋषिकेश में बन रहा है भारत का पहला कांच का पुल, जानिए बजरंग सेतु की बेमिसाल खूबियां

बजरंग पुल के दोनों तरफ कांच का पैदल पथ बनेगा। इस पर खड़े होकर सैलानी 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा को निहार सकेंगे।
Nov 12 2022 3:36PM, Writer:कोमल नेगी

ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला सेतु ऋषिकेश का मुख्य आकर्षण है। हर साल ऋषिकेश आने वाले लाखों श्रद्धालु लक्ष्मणझूला पुल से गंगा नदी का दीदार करते रहे हैं, लेकिन आने वाले वक्त में इस पुल की जगह बजरंग सेतु ले लेगा।

glass bridge in Rishikesh Bajrang setu

लोक निर्माण विभाग यहां बजरंग सेतु का निर्माण करा रहा है, जो कि लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प बनेगा। लोनिवि नरेंद्रनगर खंड के अधिशासी अभियंता मो. आरिफ खान के मुताबिक आगामी वर्ष 2023 के जुलाई माह में इस सेतु का निर्माण पूरा कर दिया जाएगा। नए सेतु के लिए गंगा के दोनों किनारों पर फाउंडेशन का काम जारी है। बजरंग सेतु के दोनों ओर जो टावर बनाए जा रहे हैं, उन्हें केदारनाथ मंदिर की आकृति की तर्ज पर बनाया जाएगा।टावर की ऊंचाई करीब 27 मीटर होगी। कुल 133 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़ाई वाला यह पुल थ्री लेन का होगा। इस पुल के बीच में छोटे चौपहिया वाहन गुजर सकेंगे। पुल के बीच में ढाई-ढाई मीटर की डबल लेन दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए होगी। पुल के दोनों तरफ कांच का पैदल पथ बनेगा। इस पर खड़े होकर सैलानी 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे और इस पर चहलकदमी कर सकेंगे।

इस कांच की मोटाई 65 मिमी होगी, जो बेहद मजबूत होता है। पुल के लिए कुल 68 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। बजरंग पुल जिस लक्ष्मणझूला पुल का विकल्प बनेगा, उसका निर्माण ब्रिटिश शासनकाल में वर्ष 1927 से 29 के बीच किया गया था। 12 जुलाई 2019 में लोक निर्माण विभाग की सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट में इस पुल को असुरक्षित मानते हुए प्रशासन ने इस पुल को आवाजाही के लिए बंद कर दिया था। इसके बाद नया पुल बनाने की तैयारी शुरू हुई, जिसकी जिम्मेदारी लोनिवि को दी गई है। जुलाई 2019 के बाद से लक्ष्मणझूला पुल पर आवाजाही बंद है, जिससे लोग परेशान हैं। पुल का कोई विकल्प न होने के कारण यहां दोनों ओर का बाजार भी प्रभावित है। जल्द ही यहां बजरंग सेतु का निर्माण पूरा कर दिया जाएगा, जो कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस सेतु को स्टेट आफ आर्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा, जो अपने आप में अभिनव कलाकृति होगी।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home