गढ़वाल: घर जा रहा था 12 साल का अर्णब, अचानक झपटा गुलदार..150 मीटर दूर मिली लाश
रविवार शाम अर्णव अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए मयकोट गांव गया था, लेकिन परिजनों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि अब वो अपने लाल को जिंदा नहीं देख सकेंगे।
Nov 28 2022 5:13PM, Writer:कोमल नेगी
प्रदेश सरकार गांवों को आबाद करने की बात कह रही है, पलायन दूर करने के दावे कर रही है, लेकिन जिन गांवों में हमारे बच्चे ही सुरक्षित न हों, वहां भला कोई क्यों रहना चाहेगा।
Leopard attack on Arnab in Tehri Garhwal Ghansali
प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में गुलदार-बाघ जैसे जंगली जानवरों का आतंक बढ़ गया है। न तो मवेशी सुरक्षित हैं और न ही इंसान। ताजा मामला टिहरी के घनसाली का है, जहां गुलदार ने एक 12 साल के किशोर को अपना निवाला बना लिया। देर शाम तक बच्चा जब घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। बाद में बच्चे का शव जंगल में पड़ा मिला। घटना के बाद पीड़ित परिवार में कोहराम मचा है। माता-पिता गहरे सदमे में हैं। 12 साल का अर्णव पुत्र रणवीर चंद्र बालगंगा तहसील के ग्राम पंचायत मयकोट में रहता था। अर्णव चंद 2 भाई एवं एक बहन के साथ सबसे छोटा भाई था। जबकि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केमरिया सौड में कक्षा 6 का छात्र था। बच्चे की मौत के बाद ग्रामीणों का गुस्सा वन्य जीवों के प्रति भड़क रहा है। ग्रामीणों ने आदमखोर गुलदार को तत्काल मौत के घाट उतारने और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
बीती शाम वो अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए मयकोट गांव गया था, लेकिन परिजनों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि अब वो अर्णव को जिंदा नहीं देख सकेंगे। शाम 5 बजे के लगभग बच्चा मयकोट गांव से वापस अपने घर लौट रहा था, तभी रास्ते में गुलदार ने उस पर हमला बोल दिया। छह बजे तक बच्चा घर नहीं पहुंचा तो उसकी खोजबीन शुरू हुई। इस दौरान ग्रामीणों को रास्ते में खून के धब्बे दिखाई दिए। अनहोनी की आशंका से बच्चे के परिजनों का कलेजा कांप गया। बाद में ग्रामीण जंगल में पहुंचे तो वहां रास्ते से 150 मीटर दूर झाड़ियों में अर्णव का अधखाया शव मिला। बच्चे की मौत के बाद उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गांव में मातम पसरा है। वहीं रेंज अधिकारी प्रदीप चौहान ने बताया कि मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।