13 को उत्तराखंड में बनेगा इतिहास...पूरा होगा हर पहाड़ी का अधूरा सपना !
May 12 2017 6:45PM, Writer:मीत
13 मई को उत्तराखंड में इतिहास बनने वाला है। इस दिन वो काम शुरू होगा जिसका सालों से लोगों को आकांक्षा थी। जी हां उत्तराखंड को देवभूमि बोलते हैं तो इसके पीछे चार धामों का बड़ा महत्व है। आपने देखा होगा कि बद्रीनाथ केदारनाथ जाने के लिए श्रद्धालुओं को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। लेकिन अब भारत सरकार बद्रीनाथ और केदारनाथ तक रेलवे लाइन बिझाने जा रही है। इससे यात्रियों का सफर आसान होगा और इसके साथ ही वक्त भी बचेगा। जी हां देवभूमि उत्तराखंड से ये बड़ा काम होने जा रहा है। इस हफ्ते इन रेलवे लाइनों के लिए सर्वे किया जाना है। बताया जा रहा है कि भारतीय रेवले पर्वतीय क्षेत्रों में फाइनल लोकेशन सर्वे करेगा। इस रेलवे ट्रैक की लागत भी भारी भरकम होगी। इस पर 40,000 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट लगेगा। रेलवे की ही कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड को इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई है।
ये कंपनी इस रूट का फाइनल सर्वे करेगी। इस रूट में गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को देहरादून और कर्णप्रयाग से जोड़ा जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले रेल विकास निगम ने इसकी पैमाइश की थी। साल 2014-15 में इस रूट की पैमाइश की गई थी। 2015 में इस रूट को लेकर रिपोर्ट सौंपी गई थी। बताया जा रहा है कि ये रूट 327 किलोमीटर का होगा। रेलवे की तरफ से इस रूट में कुल मिलाकर 21 रेलवे स्टेशन होंगे। इसके अलावा इन रूटों में 61 सुरंगें और 59 पुल बनेंगें । हालांकि इस रूट को तैयार करना इतना आसान नहीं होगा। इसके लिए कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कई बड़ी चुनौतियां कंपनी के सामने होंगी। चारधाम के प्रस्तावित रूट के करीब डोईवाला, ऋषिकेश और कर्णप्रयाग स्टेशन होंगे। 13 मई को रेल मंत्री सुरेश प्रभु सिंगल ब्रॉडगेज लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे का शिलान्यास करेंगे। कुल मिलाकर कहें तो देश भर के तीर्थ यात्रियों के लिए ये एक बेहतरीन खबर है।
कई सालों से उत्तराखंड इस रेलवे रूट की बाट जोह रहा है। कई सरकारें आई और इस रूट के लिए बड़ी बड़ी बातें कर चली गईं। लेकिन अब इस काम को अंजाम पीएम मोदी देने जा रहे हैं। इससे पहले मोदी ने कटरा तक रेलवे लाइन की बात कही थी, जो कि पूरी भी की गई। आज वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालु कटरा तक ट्रेन से सफर कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि केदारनाथ जाने के लिए आखिरी रेलवे स्टेशन सोनप्रयाग होगा। सोनप्रयाग से केदारनाथ पैदल मार्ग है। इसके अलावा यात्री बीच से हेलीकॉप्टर के जरिए भी केदार दर्शन कर सकेंगे। 3 मई को केदारनाथ के कपाट खुले थे। उस दौरान देश के प्रधानमंत्री मोदी खुद वहां मौजूद थे। तो तैयार हो जाइए आप इस इतिहास का साक्षी बनने के लिए इस रेल नेटवर्क के कारण उत्तराखंड विकास के उस पथ पर दौड़ेगा जहां से हर पहाड़ी के विकास का सपना सच साबित होगा।