उत्तराखंड के रणबांकुरों ने रणजी ट्रॉफी में रचा इतिहास, नागालैंड को 174 रनों से धोया
उत्तराखंड की टीम ने ये मुकाबला 174 रनों से जीता। जबकि नागालैंड की क्रिकेट टीम सिर्फ 25 रनों पर ही ढेर हो गई।
Dec 17 2022 6:54PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के रणबांकुरे क्रिकेट के क्षेत्र में हर दिन नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक अच्छी खबर नागालैंड से आई है।
Uttarakhand cricket team won vs nagaland in ranji trophy
यहां चल रहे रणजी ट्रॉफी के 2022-23 सीजन में उत्तराखंड के स्पिन गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड को जीत दिलाई। उत्तराखंड की टीम ने ये मुकाबला 174 रनों से जीता। जबकि नागालैंड की क्रिकेट टीम सिर्फ 25 रनों पर ही ढेर हो गई। उत्तराखंड की टीम ने नागालैंड को दूसरी पारी में 200 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन पूरी टीम सिर्फ 25 रन ही बना सकी। नागालैंड के 7 बल्लेबाज खाता नहीं खोल सके, जबकि सिर्फ एक बल्लेबाज ही 10 रन बना सका। मैच के दौरान स्पिनर मयंक मिश्रा पांच विकेट तो स्वप्निल सिंह ने चार विकेट लिए, और इसी के साथ नागालैंड की हार सुनिश्चित हो गई। रणजी ट्रॉफी के लिए उत्तराखंड और नागालैंड की टीम के बीच नागालैंड क्रिकेट स्टेडियम में मैच हुआ।
उत्तराखंड के लिए पहली पारी में कुणाल चंदेला ने सबसे ज्यादा 92 रन बनाए। दीक्षांशु नेगी ने भी 13 चौके और एक छक्के से 83 रनों की पारी खली। जिसके चलते उत्तराखंड ने पहली पारी में 282 रन बनाए थे। इसके बाद नागालैंड ने दूसरी पारी में बल्ले से धमाल मचाया और उत्तराखंड के गेंदबाजों के सामने 389 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। इस तरह नागालैंड ने पहली पारी के आधार पर उत्तराखंड के सामने 107 रनों की बढ़त ली थी। मगर यहां से उत्तराखंड के बल्लेबाजों ने पहले मैच को पलटा और दूसरी पारी 7 विकेट के नुकसान पर 306 रन बनाकर घोषित कर डाली। यहां स्वप्निल सिंह ने 88 रनों की नाबाद पारी खेली। स्वप्निल ने इस दौरान 106 गेंदों में 2 चौके और 6 छक्के लगाए। इस तरह उत्तराखंड ने नागालैंड को 200 रनों का लक्ष्य दिया। पहली पारी में स्वप्निल ने बल्लेबाजी का दम दिखाया तो वहीं दूसरी पारी में उन्होंने गेंदबाजी में धार दिखाई। स्वप्निल ने 4 विकेट चटकाए। जबकि मयंक मिश्रा 5 विकेट झटकने में कामयाब रहे। नागालैंड टीम की हालत इतनी पस्त हो चुकी थी, कि उन्होंने महज 7 रन पर 5 विकेट गंवा दिए। इसके बाद पूरी टीम 25 रनों पर सिमट कर रह गई।