देहरादून के अजय की मौत के मामले में बड़ा अपडेट, 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चलेगा हत्या का केस
घटना के एक साल बाद मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी गई थी, लेकिन मृतक अजय की पत्नी इंसाफ के लिए लड़ती रही।
Dec 21 2022 3:07PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड की पुलिस को हम मित्र पुलिस कहते हैं, लेकिन साल 2012 में यहां की पुलिस के दामन पर एक ऐसा दाग लगा था, जो आज तक नहीं धुल सका।
Dehradun Ajay murder case
देहरादून में 12 सितंबर 2012 को अजय नाम के एक युवक की मौत हो गई थी। आरोप था कि अजय को देहरादून पुलिस ने जेल में पीटा जिससे उसकी जान चली गई। घटना के एक साल बाद मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी गई, लेकिन अजय की पत्नी इंसाफ के लिए लड़ती रही। ताजा अपडेट ये है कि सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सीबीआई के विशेष जज संजय सिंह की कोर्ट ने केस में ट्रायल शुरू करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने मामले में 7 पुलिसकर्मियों को आरोपी ठहराया है। अब इनके खिलाफ हत्या का केस चलेगा। चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं। 12 सितंबर 2012 को 35 साल के अजय को धारा चौकी पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। जेल में उसकी तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अजय की पत्नी ने धारा चौकी प्रभारी पीडी भट्ट, दरोगा बलदेव सिंह, देवेंद्र गौरव, विनय गुसांई, कांस्टेबल धीरेंद्र, चंद्रप्रकाश व अनूप भाटी पर अजय को पीटने का आरोप लगाया था। आगे पढ़िए
इसके बाद आरोपियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया गया, और मामले में एफआर लगा दी गई। 27 सितंबर 2013 को स्पेशल सीबीआई मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। अजय की पत्नी ने हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए अर्जी दी। तब सीबीआई की लखनऊ ब्रांच में आरोपियों के खिलाफ अवैध हिरासत में हत्या का केस दर्ज किया गया। अदालत ने तथ्यों के आधार पर पाया कि अजय को 12 सितंबर 2012 को नहीं, बल्कि 4 सितंबर 2012 को गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान उसके साथ मारपीट की गई। इससे उसके शरीर पर गंभीर चोटें आई। 12 सितंबर को जेल में उसकी तबीयत खराब होने के बाद उसकी मौत हो गई। अब इस मामले में 7 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है। इनके खिलाफ हत्या का केस चलेगा। इनमें से एक आरोपी दरोगा विनय गुसाईं की एक हादसे में मौत हो चुकी है।