उत्तराखंड में सुकून से जी रहे हैं दुर्लभ जानवर, दुनियाभर के जीव वैज्ञानिकों ने ली राहत की सांस
उत्तरकाशी की नेलांग घाटी में हिम तेंदुए की चहलकदमी कैमरे में कैद हुई है। दुर्लभ हिम तेंदुए अब दुनिया के बेहद कम देशों में बचे हैं।
Dec 29 2022 2:15PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड से दुनियाभर के जीव वैज्ञानिकों के लिए अच्छी खबर है। भारतीय वन्यजीव संस्थान से वन्यजीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है।
Snow Leopard In Nelong Valley uttarkashi
खबर ये है कि उत्तरकाशी की नेलांग घाटी में हिम तेंदुए की चहलकदमी कैमरे में कैद हुई है। दुर्लभ हिम तेंदुए अब दुनिया के बेहद कम देशों में बचे हैं। दरअसल भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिसर्च टीम ने उत्तरकाशी की नेलांग घाटी में करीब 65 ट्रैप कैमरे लगाए हैं। पहली बार टीम की एक रिसर्चर ने हिम तेंदुए को अपने कैमरे में कैद किया है। देश का तीसरा सबसे बड़ा गंगोत्री नेशनल पार्क हिम तेंदुओं का प्राकृतिक घर बन रहा है। हिम तेंदुए के साथ लाल लोमड़ी , भरल, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, अरगली भेड़ समेत कई दुर्लभ वन्यजीव आपको यहां मिलेंगे। आपको बता दें कि भारतीय वन्यजीव संस्थान की टीम 2016 से यहां हिम तेंदुओं पर अध्ययन कर रही है। अध्ययन में अलग-अलग ऊंचाइयों पर हिम तेंदुओं की मौजूदगी और उनके व्यवहार को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है.
संस्थान की टीम यहां 2016 से हर साल ट्रैप कैमरा लगाती आ रही है। इस साल दिसंबर माह में संस्थान की टीम ने नेलांग और जादूंग में करीब 65 कैमरा ट्रैप लगाए। आईटीबीपी और आर्मी के जवानों की मदद से ये कैमरे लगाए गए। टीम की सदस्य डॉ. रंजना पाल ने एक हिम तेंदुए की गतिविधि को अपने कैमरे में भी कैद कर लिया। अप्रैल माह में इन ट्रैप कैमरों को निकाला जाएगा। इसकी वजह ये है कि हिम तेंदुओं की गतिविधियों के साथ नई जानकारी मिल सके। गंगोत्री पार्क प्रशासन ने भी शीतकाल के लिए पार्क के गेट बंद होने से पहले यहां 40 कैमरा ट्रैप लगाए हैं। केदारताल, गोमुख ट्रैक, नेलांग घाटी के कारछा, चोरगाड़, तिरपानी, नीलापानी, भैरोंघाटी, गर्तांग गली आदि में लगाए गए इन कैमरों से भी शीतकाल में वन्यजीवों की गतिविधि के बारे में जानकारी मिलेगी