उत्तराखंड का बनभूलपुरा: 40 साल पहले शुरु हुई बसावट, देखते ही देखते बस्ती में बदला पूरा मैदान
40 साल पहले अलग-अलग धंधों के लिए आए लोगों ने यहां बसना शुरू किया था, धीरे-धीरे सपाट मैदान ने बस्ती की शक्ल ले ली
Jan 8 2023 1:46AM, Writer:कोमल नेगी
हल्द्वानी का बनभूलपुरा इलाका लगातार सुर्खियों में है। यहां रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाया जाना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद फिलहाल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जाएगी।
Haldwani Banbhulpura Story and History
इस फैसले से यहां रहने वाले चार हजार से ज्यादा परिवारों को बड़ी राहत मिली है। बनभूलपुरा में बसावट कब शुरू हुई और इसका इतिहास क्या रहा है, ये भी बताते हैं। इस वक्त यहां 4365 परिवार रह रहे हैं, जो कि करीब 40 साल से यहां बसे हुए हैं। ये जगह 40 हजार लोगों का आशियाना है। अतिक्रमण के दायरे में दो इंटर कॉलेज, दो प्राइमरी स्कूल और एक जूनियर हाईस्कूल है। कई धार्मिक स्थल और चार मदरसे भी यहां से हटाए जाने हैं। 40 साल पहले अलग-अलग धंधों के लिए आए लोगों ने यहां बसना शुरू किया था, धीरे-धीरे सपाट मैदान ने बस्ती की शक्ल ले ली। यहां के लोगों के राशन कार्ड और वोटर कार्ड बने तो क्षेत्र का भूगोल पूरी तरह बदल गया।
अब यहां करीब 15 हजार वोटर रहते हैं। अतिक्रमित जमीन पर 4500 बिजली कनेक्शन हैं। डेढ़ दशक पहले भी रेलवे ने यहां से कब्जा खाली कराने के लिए बड़ा अभियान चलाया था। दो दिन तक चले अभियान के बाद राजपुरा समेत काफी बड़े इलाके को अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया था, लेकिन अधिकारियों की ढिलाई के चलते इस जगह पर फिर से अवैध कब्जा हो गया। उस वक्त भी कब्जा हटाने की कार्रवाई के खिलाफ लोगों ने पानी की टंकी और नैनीताल रोड पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद कार्रवाई रोक दी गई थी। 20 दिसंबर को हाईकोर्ट ने एक बार फिर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। राहत पाने के लिए पीड़ित परिवार सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है।