Joshimath sinking: जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तो अचानक फूट पड़ा झरना..ये ही है तबाही की वजह?
Joshimath sinking latest update: विशेषज्ञों की टीम हैरत में है कि इतने तेज बहाव से झरना आखिर कहां से प्रकट हो गया? बिना बरसात के ये पानी आ कहां से रहा है।
Jan 8 2023 3:55PM, Writer:कोमल नेगी
जोशीमठ...वो शहर जो उत्तराखंड की प्राचीन राजधानी है। यहीं से कभी कत्यूरी वंश ने अपनी सत्ता चलाई थी। ज्योतिर्पीठ वो जगह है, जिसे आदिगुरु शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए स्थापित किया था। आज ये शहर तबाही के मुहाने पर खड़ा है।
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यहां दरारें पड़ने की वजह क्या है, ये तो पता नहीं चल सका है। हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसकी वजह शहर के सबसे निचले हिस्से में बसी जेपी कॉलोनी में फूटे झरने को मान रहे हैं। आधुनिक टाउनशिप के रूप में बसी जेपी कॉलोनी में जब सब लोग गहरी नींद में सो रहे थे तब 2/3 जनवरी की रात अचानक एक झरना फूट पड़ा। ये जमीन के नीचे जमा पानी है जो शहर में बने घरों, होटलों, भवनों की बुनियाद को खोखला कर रहा है। विशेषज्ञों की टीम हैरत में है कि इतने तेज बहाव से झरना आखिर कहां से प्रकट हो गया? सैकड़ों गैलन बहता हुआ मटमैला पानी आखिर कहां से आ रहा है? ये पानी, किसी चौबीस घंटे चलने वाले ट्यूबवेल जैसा है जो पिछले करीब पांच दिन से लगातार जेपी कॉलोनी की दीवार तोड़ते हुए अलकनंदा नदी तक बह रहा है।
Joshimath sinking latest update
पानी का ये सोता कॉलोनी के ऊपरी हिस्से में एक पहाड़ी दर्रे से आ रहा है। लेकिन वैज्ञानिकों को इस पानी का मूल स्रोत नहीं मिला, क्योंकि वह जमीन के नीचे कहीं हैं। अब तक कोई एक दर्जन भू-वैज्ञानिक यहां आ चुके हैं। लेकिन कोई भी इस झरने के फूटने की गुत्थी सुलझा नहीं सका है। जोशीमठ बचाओ समिति का कहना था कि ये पानी एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड़ जलविद्युत परियोजना की किसी टनल का हो सकता है, लेकिन इसके भी सबूत नहीं मिल सके हैं। इतना पानी जमीन के अंदर कहां से आ रहा है, जबकि बरसात का मौसम भी नहीं है? ये भी जांच का विषय है। राज्य सरकार जोशीमठ वासियों के पुनर्वास में जुटी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ड्रेनेज के बजट के लिए फाइल पर मैं सीधे दस्तखत करूंगा। जोशीमठ में जलनिकासी का इंतजाम कराना हमारी पहली प्राथमिकता होगी।