Uttarakhand Daroga Bharti में भी मास्टरमाइंड हाकम का हाथ, एक फोटो से खुली घपलेबाजी की पोल
उत्तराखंड में साल 2015-16 में हुई दरोगा भर्ती में भी Hakam Singh Rawat का खेल हुआ था, इस बात का खुलासा एक पुरानी फोटो ने किया। जानिए कैसे सामने आया सच
Jan 17 2023 6:24PM, Writer:कोमल नेगी
साल 2015 में नकल कर दरोगा बनने वाले 20 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए।
Uttarakhand Inspector Recruitment Scam 2015
बीते दिनों जब यूकेएसएसएससी की भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी की बात सामने आई थी, तब से इन पुलिसकर्मियों के चेहरे पर डर साफ दिख रहा था। साल 2015-16 में हुई दरोगा भर्ती में भी खेल हुआ था, इस बात का खुलासा एक पुरानी फोटो ने किया। बीते साल अगस्त में जब नकल माफिया हाकम सिंह Hakam Singh Rawat पकड़ा गया तो उसकी एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसमें हाकम के साथ दरोगा राज नारायण और जैनेंद्र राणा भी दिख रहे थे। ये दोनों ही भर्ती में पास होने वाले अभ्यर्थियों में शामिल थे। संदेह गहराया तो पुलिस मुख्यालय के आग्रह पर मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई। अब पता चला है कि दारोगा भर्ती में नकल माफिया ने मोटी रकम लेकर परीक्षा की ओएमआर शीट में ही खेल कर दिया था।
इसके सूत्रधार Hakam Singh Rawat हाकम सिंह रावत, केंद्रपाल व आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस प्रिटिंग प्रेस लखनऊ का मालिक राजेश चौहान रहे। परीक्षा में नकल माफिया ने न सिर्फ नकल करवाई, बल्कि ओएमआर शीट में भी छेड़छाड़ की। विजिलेंस की जांच में संदिग्ध अथ्यर्थियों की ओएमआर शीट में गोल घेरों पर कई जगह व्हाइटनर के सफेद निशान मिले। बता दें कि दरोगा भर्ती के तत्काल बाद गड़बड़ी के आरोप लगे थे, लेकिन उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने मामले की जांच नहीं कराई। नतीजतन धांधली कर दरोगा बने अभ्यर्थी थाने-चौकियों में पोस्टिंग भी पा गए। अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन ने बताया कि दारोगा भर्ती की परीक्षा की जिम्मेदारी पंतनगर विवि प्रशासन ने आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस को दी थी। इसी कंपनी ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं में भी गड़बड़ी की थी। जांच में सामने आया कि कंपनी के मालिक राजेश चौहान ने करोड़ों रुपये लेकर दारोगा भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी कराई।