अब पिथौरागढ़ से आई चिंताजनक खबर, लगातार धंस रहा है रोतो गांव..दहशत में स्थानीय लोग
Pithoragarh roto village sinking पिथौरागढ़ के इस गांव में पिछले 10 साल से धंस रही जमीन, मकानों में पड़ी दरारों से ग्रामीणों में दहशत
Jan 23 2023 4:52PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
इन दिनों जोशीमठ बड़ी-बड़ी दरारें आने की वजह से सुर्खियों के बीच बना हुआ है। मगर क्या आपको लगता है कि उत्तराखंड में केवल जोशीमठ में ही इतनी दरारे आ रही हैं या केवल जोशीमठ ही खतरे की जद में है?
Pithoragarh roto village sinking news
अगर आपको ऐसा लगता है तो आप बिल्कुल गलत हैं क्योंकि उत्तराखंड में केवल जोशीमठ ही नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसी जगह है जहां पर बड़ी-बड़ी दरारें आ रखी हैं और लोगों की जान और उनके घर बार मकान पूरे के पूरे गांव खतरे की जद में हैं। आज हम आपको पिथौरागढ़ के के एक ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें पिछले 10 सालों से दरारे आ रही हैं मगर उसके बावजूद भी शासन-प्रशासन ने ना तो इसकी कोई सुध ली है और ना ही इसके लिए कोई भी कड़ी कार्यवाही की है। हम बात कर रहे हैं तंतागांव रोतो गांव की जहां वर्ष 2013 से लगातार भूधंसाव जारी है। जोशीमठ के हालात देखकर छह हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर बसे इस गांव के ग्रामीण अब दहशत में आ गए हैं। इस गांव में वर्ष 2013 से लगातार भूधंसाव जारी है।
Pithoragarh roto village sinking
जमीन और मकानों में प्रतिवर्ष दरारें चौड़ी होती जा रही हैं। सरकार ने यहां का भूगर्भीय सर्वेक्षण तो कराया मगर उपचार नहीं कराया गया है। तंतागांव रोतों गांव में 2013 में भूगर्भीय हलचल ने चेतावनी दे दी थी। बता दें कि इस गांव के ऊपरी हिस्से में सुकल्या जलस्रोत का पानी रिसकर गांव की भूमि और मकानों के नीचे बहने लगा। इसी के साथ भूधंसाव होने लगा और मकानों में दरारें आने लगी। वर्ष 2019 भूगर्भ अधिकारी ने स्थल का निरीक्षण किया और खतरा बताया। ग्रामीण लगातार मांग करते रहे है परंतु प्रशासन चुप्पी साधे रहा।बहुत विरोध के बाद सुकल्या स्रोत के पानी की समुचित निकासी के लिए 2020 में 35.44 लाख रुपये का इस्टीमेट तैयार किया गया मगर आज तक इस पर भी कोई कार्य नहीं हुआ है। इस प्रस्ताव को विभागीय स्वीकृति तक नहीं मिली है। ग्रामीणों का कहना है कि तंतागांव रोतों भी जोशीमठ जैसा बन चुका है, परंतु व्यवस्था इसकी सुध तक नहीं ले रही है। संदीप कुमार का कहना है कि यह गांव नष्ट हो जाए और ज़मीनोज़द हो जाए यह कहा नहीं जा सकता है।