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उत्तराखंड की पंतनगर यूनिवर्सिटी में बवाल: महिला प्रोफेसर का हंगामा, दफ्तर छोड़कर भागे अफसर

कीट वैज्ञानिक का गुस्सा देख यूनिवर्सिटी में अफरा-तफरी मच गई। दूसरे अधिकारी अपने-अपने दफ्तर से बाहर खिसक गए, हालांकि कीट वैज्ञानिक का गुस्सा शांत नहीं हुआ।
Mar 10 2023 11:45AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

उत्तराखंड का जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय। बीते दिन यहां एक कीट वैज्ञानिक इंसाफ की मांग करते हुए कुलपति दफ्तर के बाहर पहुंच गईं। वहां जमकर हंगामा किया।

Ruckus in pantnagar university

कीट वैज्ञानिक का गुस्सा देख यूनिवर्सिटी में अफरा-तफरी मच गई। दूसरे अधिकारी अपने-अपने दफ्तर से बाहर खिसक गए, हालांकि कीट वैज्ञानिक का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वो दो घंटे तक कुलपति दफ्तर के बाहर फर्श पर धरने पर बैठी रहीं, बाद में डेम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर कीट वैज्ञानिक वहां से जाने को तैयार हुईं। ये पूरा मामला एक छात्रा का पीएचडी कराने और कीट वैज्ञानिक के मानसिक उत्पीड़न से जुड़ा हुआ है। धरना देने वाली कीट वैज्ञानिक प्रोफेसर रुचिरा तिवारी ने इससे पहले बीती 27 फरवरी को विश्वविद्यालय कुलपति और शासन को ईमेल भेजा था, जिसमें उन्होंने न्याय नहीं मिलने पर 9 मार्च को प्रशासनिक भवन में आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। प्रोफेसर रुचिरा तिवारी के हंगामे की वजह भी आपको बताते हैं।

प्रोफेसर डॉ. रुचिरा तिवारी का आरोप है कि कीट विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ. पूनम श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में एक पीएचडी छात्रा अंजलि नौटियाल अगस्त 2021 से अक्टूबर 2021 तक बिना अनुमति के यूनिवर्सिटी से गायब रही। जब उन्होंने जानकारी लेने की कोशिश की तो बताया गया कि छात्रा अवकाश पर है, लेकिन आरटीआई के जवाब में संबंधित विभाग ने किसी भी प्रकार का अनुमति संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया। छात्रावास के सीसीटीवी कैमरे सालों से खराब होने का तर्क दिया गया। छात्रा का बचाव करते हुए कहा गया कि उसे जेएनयू भेजा गया था, लेकिन इसके अभिलेख भी यूनिवर्सिटी के पास नहीं हैं। डॉ. रुचिरा ने जब शिकायत की तो केस अनुशासन कमेटी में जाने के बजाय निदेशक प्रशासन कार्यालय को भेज दिया गया। वहां जांच समिति ने पूरे मामले में लीपापोती कर छात्रा को दोषमुक्त कर दिया। अब उनके आरोप को गलत साबित कर उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रोफेसर डॉ. रुचिका तिवारी इंसाफ चाहती हैं, इसके लिए उन्होंने बीते दिन कुलपति दफ्तर के बाहर हंगामा किया, बाद में पुलिस भी बुलानी पड़ी। हालांकि डेम की ओर से उचित कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर उन्होंने धरना खत्म कर दिया।


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