उत्तराखंड में इंडियन रेलवे ने बनाया नया रिकॉर्ड, पूरे नेटवर्क का हुआ विद्युतीकरण
इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलने वाली ट्रेनें डीजल की तुलना में 50 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं। इससे पर्यावरण को फायदा होगा, लाइन हॉल लागत भी कम होगी।
Mar 14 2023 12:50PM, Writer:कोमल नेगी
इंडियन रेलवे ने हाल में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। रेलवे ने उत्तराखंड में संपूर्ण ब्रॉड गेज नेटवर्क (347 रूट किलोमीटर) का विद्युतीकरण किया है।
Electrification of Railway Network in Uttarakhand
इससे चारधाम की यात्रा और भी आसान हो जाएगी। भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी हरित रेलवे बनने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसके लिए रेलवे ने खास प्लान बनाया है। इसके तहत रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया जा रहा है। हाल में उत्तर प्रदेश में विद्युतीकरण का काम पूरा हुआ है और अब इस लिस्ट में उत्तराखंड का नाम भी जुड़ गया है। उत्तराखंड का मौजूदा ब्रॉड गेज नेटवर्क 347 रूट किलोमीटर है, जो सौ प्रतिशत इलेक्ट्रिफाइड है। उत्तराखंड ब्रॉड गेज नेटवर्क के सौ प्रतिशत विद्युतीकृत होने से जहां एक ओर पर्यावरण को फायदा होगा वहीं दूसरी ओर लाइन हॉल लागत (लगभग 2.5 गुना कम) में भी कमी आएगी और ढुलाई क्षमता में बढ़ोतरी होगी। आगे पढ़िए
उत्तराखंड के प्रमुख रेलवे स्टेशनों में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, काठगोदाम, टनकपुर शामिल हैं। इनमें से कुछ का धार्मिक महत्व है तो कुछ पर्यटन के लिहाज से पॉप्युलर हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री, हेमकुंड साहिब के अलावा नैनीताल, जिम कार्बेट और हरिद्वार में हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। नंदा देवी, हरिद्वार एक्सप्रेस, मसूरी एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस, कुमाऊं एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस ये उत्तराखंड की कुछ प्रमुख ट्रेनें हैं। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर हर साल लगभग 7 लाख यात्री आवाजाही करते हैं। राज्य का क्षेत्र उत्तर और उत्तर पूर्व रेलवे के अधिकार क्षेत्र में आता है। रेल सेवाओं के जरिए उत्तराखंड और अन्य राज्यों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। जिससे पर्यटन व्यवसाय में मदद मिली है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन को भी रेलवे की सौ प्रतिशत विद्युतीकृत नेटवर्क की नीति के अनुरूप विद्युतीकरण के साथ मंजूरी दी गई है। नई रेलवे लाइन का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो कि भारतीय रेलवे की एक और ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। बता दें कि डीजल ट्रैक्शन की तुलना में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन बहुत सस्ता और कुशल होता है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलने वाली ट्रेनें डीजल की तुलना में 50 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं।