उत्तराखंड: पिता चलाते हैं गांव में छोटी सी दुकान, बेटे का चयन ओलंपिक के लिए हुआ..गर्व है
स्कूल पहुंचने के लिए परमजीत को हर दिन 3 किलोमीटर तक दौड़ लगानी पड़ती थी। आज अपने इसी हुनर की बदौलत परमजीत ने ओलंपिक का टिकट हासिल कर लिया।
Mar 20 2023 3:47PM, Writer:कोमल नेगी
पहाड़ में संसाधनों का अभाव होने के बावजूद यहां के होनहार खिलाड़ी खेलों की दुनिया में छाए हुए हैं।
Paramjit Bisht selection in Olympics
इसी कड़ी में एक अच्छी खबर चमोली जिले से आई है। यहां रहने वाले परमजीत बिष्ट ने जापान में हुई एशियन रेस वॉक चैंपियनशिप में नौंवा स्थान हासिल किया। इसी के साथ परमजीत ने एक और शानदार उपलब्धि अपने नाम कर ली है। उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई कर लिया है। उत्तराखंड का ये होनहार लाल अब ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करते दिखेगा। आज हम परमजीत बिष्ट की सफलता देख रहे हैं, लेकिन इस मुकाम को हासिल करना उनके लिए आसान नहीं था। परमजीत सिंह की पढ़ाई चमोली के बैरागना इंटर कॉलेज में हुई। उनके पिता जगत सिंह बिष्ट खल्ला गांव में छोटी सी दुकान चलाते हैं। आगे पढ़िए
मां हेमलता देवी गृहणी हैं। परिवार में आर्थिक किल्लत हमेशा बनी रही, लेकिन परिवार ने परमजीत की ट्रेनिंग में कभी कमी नहीं आने दी। दौड़ लगाने का हुनर परमजीत ने गांव में ही सीख लिया था। दरअसल उनका स्कूल घर से तीन किलोमीटर दूर था। ऐसे में घर का काम निपटाने के बाद परमजीत को हर दिन 3 किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ती थी। परमजीत की मेहनत रंग लाई और आज वह रेस वॉक में एक के बाद एक शानदार उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। परमजीत ने साबित कर दिया कि अगर मन में ठान लिया जाए तो हर चुनौती को सफलता में बदला जा सकता है। अब हम उन्हें ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करते देखेंगे। राज्य समीक्षा टीम की ओर से परमजीत बिष्ट को ढेरों बधाई। उनकी सफलता का सफर यूं ही जारी रहे, हम यही कामना करते हैं।