देहरादून- दिल्ली एक्सप्रेस-वे से आई अच्छी खबर, अब नहीं होगी नेटवर्क की प्रॉब्लम
एलिवेटेड रोड के दोनों किनारों पर करीब 32 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। जिससे मोहंड में मोबाइल सिग्नल गायब होने की समस्या दूर हो जाएगी।
Apr 4 2023 5:17PM, Writer:कोमल नेगी
देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इसके बनने से राज्य में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
Delhi Dehradun Expressway Mobile Tower
एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने के बाद मोहंड वन क्षेत्र से गुजरते वक्त भी लोग फोन पर अपनों से बात कर सकेंगे। एक्सप्रेस-वे के 12 किमी हिस्से में बनने वाली एलिवेटेड रोड के दोनों किनारों पर छोटे-छोटे करीब 32 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। जिससे मोहंड में मोबाइल सिग्नल गायब होने की समस्या दूर हो जाएगी। बता दें कि डाट काली क्षेत्र से लेकर यूपी के गणेशपुर तक लोगों को मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी नहीं मिल पाती। अब जबकि ये दोनों क्षेत्र एक्सप्रेसवे के जरिए जुड़ने वाले हैं तो यहां मोबाइल कनेक्टविटी के लिए भी स्पेशल प्लान बनाया गया है। इसके तहत डाटकाली क्षेत्र से गणेशपुर तक 32 मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने से पहले ही पूरे क्षेत्र को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ दिया जाएगा।
इसके लिए इन दिनों अस्टिमेंट तैयार किया जा रहा है, इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। देहरादून से दिल्ली जाते हुए पहला टोल प्लाजा सुंदरपुर गांव (गणेशपुर, यूपी) के पास बनेगा। एक्सप्रेस-वे के हर टोल प्लाजा पर एक एंबुलेंस तैनात रहेगी। दून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के 12 किमी हिस्से में एशिया का सबसे बड़ा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बनाया जा रहा है। यहां सिंगल पिल्लर पर छह लेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। ये तकनीक इसलिए अपनाई गई ताकि, वन क्षेत्र में कम से कम कंक्रीट का इस्तेमाल हो और परियोजना को जल्द पूरा किया जा सके। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दून-दिल्ली की दूरी घट जाएगी। अभी दिल्ली से देहरादून जाने में करीब पांच से छह घंटे का समय लगता है। गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की होते हुए देहरादून जाने के लिए करीब 250 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन, एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह दूरी 40 किमी घटकर महज 210 किमी रह जाएगी। इससे दो से ढाई घंटे में देहरादून पहुंचा जा सकेगा।