उत्तराखंड में विश्व का सबसे प्राचीन शनि मंदिर, 6 महीने के लिए खुल गए कपाट..आप भी कीजिए दर्शन
क्या आप यह जानते हैं कि भारत में भगवान शनि का सबसे प्राचीन मंदिर कहां है? जी हां, उत्तराखंड में भारत का सबसे प्राचीन उत्तरकाशी में स्थित है।
Apr 19 2023 6:36PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
भगवान शनि के नाम से लोग थर थर कांपते हैं और ऐसा कहा जाता है कि शनि का प्रकोप बेहद भारी होता है। मगर बावजूद उसके शनि भगवान की हिन्दू धर्म में बेहद मान्यता है।
Kharsali Shani Dev Temple Someshwar Devta
मगर क्या आप यह जानते हैं कि भारत में भगवान शनि का सबसे प्राचीन मंदिर कहां है? जी हां, उत्तराखंड में भारत का सबसे प्राचीन मंदिर उत्तरकाशी में स्थित है। हर साल 6 महीने के लिए इस के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं। श्रद्धालु बेसब्री से भगवान शनि के कपाट खुलने का इंतजार करते हैं। इस वर्ष भी उत्तरकाशी में मौजूद शनिदेव महाराज के कपाट आगामी छह माह के लिए भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। दरअसल वैशाख माह का हिंदू धर्म में खासा महत्त्व है। इस माह में पड़ने वाले एकादशी, पूर्णिमा व अमावस्या भी बेहद खास होते हैं। वैशाख अमावस्या के स्वामी पितृ होते हैं और अमावस्या के दिन विशेष कर पितृ पूजा होती है। वहीं पितृ के स्वामी शनि होते हैं। इसलिए इस दिन शनि भगवान की पूजा अर्चना करने से पितृ दोष का निवारण होता है और यही वजह है कि इस दिन भगवान शनि के कपाट श्रद्धालुओं के लिए भी खोले गए। आगे पढ़िए
इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान शनि की भक्ति में लीन होकर उनकी पूजा-अर्चना की। इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने शनि भगवान के दर्शन किए। हर साल मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली में वैशाखी के पावन पर्व पर समेश्वर देवता यानी शनि महाराज के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाते हैं। शनि देवता मंदिर के कपाट शुक्रवार की सुबह सात बजे शुभ मुहूर्त में भक्तों के दर्शन के लिये खोल दिए गए। कपाट खुलने पर यहां गीठ पट्टी सहित दूर-दराज क्षेत्रों से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी।हर साल शनि महाराज की अगुवाई में मां यमुना की डोली अपने मायके खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करती हैं। इसके बाद पूरे विधि विधान से धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि शनि महाराज की पूजा-अर्चना से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।