अब उत्तराखंड के तुंगनाथ धाम से आई चिंताजनक खबर, मंदिर में 5 से 10 डिग्री तक झुकाव
तुंगनाथ शिव मंदिर को दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर का दर्जा प्राप्त है। यह 12 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
May 18 2023 8:40PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड का जोशीमठ शहर भूधंसाव की चपेट में है। शहर को बचाने की कोशिशें जारी हैं, इस बीच रुद्रप्रयाग में स्थित तुंगनाथ मंदिर को लेकर विशेषज्ञों ने एक डराने वाली खबर दी है।
Tungnath Temple Leaning says ASI Report
यह मंदिर लगातार झुक रहा है। मंदिर में 5 से 6 डिग्री तक का झुकाव देखने को मिला है। परिसर के अंदर बनी मूर्तियों और छोटे स्ट्रक्चर में भी 10 डिग्री तक का झुकाव आ गया है। ऐसा लगातार जारी रहा तो सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। तुंगनाथ शिव मंदिर को दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर का दर्जा प्राप्त है। यह 12 हजार 800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। 8वीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों ने इसका निर्माण कराया था। हाल में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की तरफ से यहां स्टडी कराई गई थी। जिसमें पता चला कि मंदिर झुक रहा है।
एएसआई अधिकारियों ने केंद्र सरकार को यह जानकारी दे दी है, साथ ही मंदिर को संरक्षित इमारत घोषित करने को भी कहा है। एएसआई मंदिर में झुकाव की मुख्य वजह को जानने और अगर संभव हो तो रिपेयर करने की कोशिश करेगा। एएसआई देहरादून सर्किल के सुपरिटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट मनोज कुमार सक्सेना ने कहा कि मंदिर परिसर के निरीक्षण के बाद डिटेल प्रोग्राम तैयार किया जाएगा। हम झुकाव और डैमेज की वजह जानने की कोशिश करेंगे। जरूरी हुआ तो फौरन रिपेयर का काम शुरू करेंगे। एक्सपर्ट्स से सलाह के बाद क्षतिग्रस्त नींव के पत्थरों को बदला जाएगा। बीकेटीसी को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। उधर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बोर्ड की मीटिंग में यह मुद्दा उठा था। हम एएसआई की मदद करने को तैयार हैं, लेकिन मंदिर को पूरी तरह एएसआई को सौंपने के पक्ष में नहीं हैं। अधिकारियों को जल्द ही इस संबंध में बता दिया जाएगा।