उत्तराखंड के 6 जिलों में 1557 संदिग्ध कहां से घुस गए? शुरू हुई पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई
अभियान के तहत नैनीताल शहर में तीस लोगों के खिलाफ 10-10 हजार की चालानी कार्रवाई की गई। जिन्होंने बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किरायेदारों को कमरा दिया था
May 28 2023 8:25PM, Writer:कोमल नेगी
सरोवर नगरी नैनीताल...पिछले दिनों यहां हल्द्वानी में दो बड़ी वारदातें हुईं।
Uttarakhand Police Verification Campaign
एक महिला क्षेत्र में नाबालिग से देह व्यापार कराते पकड़ी गई, जबकि दूसरे मामले में एक महिला की हत्या कर दी गई। दोनों घटनाओं में एक लिंक कॉमन था, और वो ये कि इन वारदातों में पकड़े गए आरोपियों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं हुआ था। इसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने ही थे, और सवाल उठे भी। अब पुलिस ने इन घटनाओं से सबक लेते हुए जिले में पुलिस सत्यापन अभियान शुरू कर दिया है। अभियान के तहत नैनीताल शहर में तीस लोगों के खिलाफ 10-10 हजार की चालानी कार्रवाई की गई। जिन्होंने बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किरायेदारों को कमरा दिया था, और जो लोग बिना वेरिफिकेशन के शहर में कारोबार कर रहे थे...उनसे 10-10 हजार का जुर्माना वसूला गया। 28 लोगों के खिलाफ पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। अभियान के दौरान 370 लोगों का सत्यापन भी किया गया। शनिवार को कोतवाल धर्मवीर सोलंकी के नेतृत्व में पुलिस की दो टीमें रूकुठ कंपाउंड, धूपकोठी, माल रोड और पिलग्रिम लॉज पहुंचीं। आगे पढ़िए
यहां कई लोग बिना सत्यापन के रहते पाए गए। जिस पर 15 लोगों के खिलाफ 83 पुलिस एक्ट के तहत 10 हजार के चालान की कार्रवाई की गई। 10 लोगों के खिलाफ 81 पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। तल्लीताल थाना पुलिस की टीम ने भी तल्लीताल और कमलासन कंपाउंड समेत कई क्षेत्रों में घर-घर जाकर अभियान चलाया। इस दौरान जिन मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों का वेरिफिकेशन नहीं कराया था, उन पर जुर्माना लगाया गया। बिना सत्यापन कराए कारोबार कर रहे 18 लोगों के खिलाफ 81 पुलिस एक्ट में चालान किया गया। अभियान के दौरान हर तरफ काफी गहमागहमी देखने को मिली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभियान आगे भी जारी रहेगा। गौरतलब है कि उत्तराखंड पुलिस सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होने और पुलिस वेरिफिकेशन के लिए अभियान चलाने के दावे तो करती है, लेकिन हकीकत ये है कि बीते दिनों कुमाऊं के 6 जिलों में 16212 लोग बिना सत्यापन के रहते पाए गए। इतना ही नहीं इनमें से 1557 लोग संदिग्ध भी हैं। इनके पास से पुलिस किसी तरह का पहचान पत्र बरामद नहीं कर सकी। सिर्फ छह जिलों का ये हाल है तो पूरे प्रदेश का क्या हाल होगा, आप खुद समझ सकते हैं।