उत्तराखंड के लिए आज की बड़ी खबर...मिल गया एक और बड़ा तोहफा !
Jun 5 2017 5:55PM, Writer:मीत
उत्तराखंड को एक और बड़ा तोहफा मिल रहा है। अब एक और हवाई पट्टी से जल्द ही विमान सेवा शुरू की जाएगी। हम बात कर रहे हैं पिथौरागढ़ की। पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी पर जल्द ही विमान सेवा शुरू होने वाली है। काफी वक्त से इंतजार किया जा रहा था कि आखिर कब इस हवाई पट्टी को ये अनुमति मिलेगी। आखिरकार ये इंतजार खत्म हो गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड की सफलता पर एक और मुहर लग गई है। माना जा रहा है कि इससे उत्तराखंड में हवाई यातायात को एक और आयाम मिलेगा। दरअसल तेज रफ्तार वाले विमानों को उतारने के लिए हवाई पट्टी के रन-वे का मजबूत होना काफी जरूरी है। इसके लिए कई टेस्ट किए जाते हैं। देखा जाता है कहीं रनवे में कोई खराबी तो नहीं है, जिससे कोई बड़ा हादसा हो। इन सब परेशानियों से पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी ने पार पा दिया है। इस हवाई पट्टी के टेस्ट के लिए भारतीय विमान पत्त्तनम प्राधिकरण ओर से टीम आई थी।
इस हवाई पट्टी को जीपीएस उपग्रह से लैस एक गियरलेस स्वीडिश वाहन ने परखा। हर तरह की जांच में ये हवाई पट्टी एकदम फिट पाई गई है। इसके साथ ही कहा जा रहा है कि उत्तराखंड के लिए ये एक और बड़ी उपलब्धि है। दरअसल स्वीडिश वाहन शनिवार को ही पिथौरागढ़ पहुंच गया था। इसके बाद रविवार को रन -वे पर हाई स्पीड विमान के उतारने को लेकर परीक्षण किया गया। इसके साथ ही ये भी जांच की गई कि आखिर इस रनवे पर घर्षण का किस तरह का प्रभाव पड़ रहा है। इस मौके पर सुपर वाइजर कुलदीप सिंह, वरिष्ठ अधीक्षक विक्रम सिंह, तकनीकी विशेषज्ञ विनोद कुमार और वरिष्ठ अधीक्षक धर्मवीर भी मौजूद रहे। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी इस हवाई पट्टी को बेहद अहम माना जा रहा था। सुबह से नैनी सैनी हवाई पट्टी रन-वे का टेस्ट शुरु हुआ। इसके साथ ही घर्षण परीक्षण को मापने की कवायद शुरू की गई। इसके अलावा भी इस खबर से जुड़ी कुछ और भी बातें हैं।
इसके लिए कड़े से कड़ा टेस्ट लिया गया। 1600 मीटर के रन वे पर 100 से लेकर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाले विमानों के उतरने को जांचा परखा गया। जांच में पाया गया कि इस हवाई पट्टी का हाइड्रोलिक प्रेशर औसत के मुताबिक है। बताया जा रहा है कि ये जांच टीम अब अपनी रिपोर्ट एयरपोट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपेगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से अब आखिरी अनुमति दी जाएगी। हालांकि अथॉरिटी से लगभग इस बात को हरी झंडी मिल ही चुकी है। कहा जा रहा है कि अब सिर्फ औपचारिकताएं ही बची हैं। इस रन वे की घर्षण क्षमता को नापने के लिए जीपीएस उपग्रह से लैस स्वीडिश वाहन को ट्रॉले में लाया गया था। इसके बाद ही ये प्रयोग सफल हो पाया। आखिरकार उत्तराखंड का एक और सपना पूरा हो गया है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस हवाई पट्टी पर आपको विमानों की आवाजाही दिखेगी। अब देखना ये है कि कितनी जल्दी ये औपचारिकता भी पूरी होती है।