image: Uttarakhand kailash parvat track all details and route map

अब उत्तराखंड से ही कीजिए कैलाश पर्वत के दर्शन, ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए अच्छी खबर

अब उत्तराखंड के लिपुलेख से होंगे कैलाश पर्वत के दर्शन, प्लान हुआ सफल तो भविष्य में पर्यटन में होगा इजाफा
Jun 29 2023 5:21PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

महादेव के कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए मानसरोवर यात्रा पिछली 3 बार से खराब मौसम के कारण स्थगित की जा रही है।

Uttarakhand kailash parvat track

मगर अब कैलाश पर्वत के दर्शन करने का एक अल्टरनेट तरीका सरकार ने आखिरकार निकाल लिया है और अगर यह सफल होता है तो पिथौरागढ़ के दूरस्थ स्थानों पर रोजगार के कई अवसर भी स्थानीय लोगों को उपलब्ध हो सकते हैं। अब कैलाश पर्वत के दर्शन करना उत्तराखंड में ही संभव है। शिव भक्त अब भारत में रहकर ही भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए आपको चीन जाने की जरुरत नहीं होगी। भक्त उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर पाएंगे। जी हां, बता दें, पिछले चार सालों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा किसी ना किसी कारण से स्थगित हो रही थी। ऐसे में अब कैलाश पर्वत के दर्शन करने का एक अनूठा रास्ता सरकार ने निकाल लिया है। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा के करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन पूरी तरह संभव है। सीमांत में स्थित नाभीढ़ांग के ठीक ऊपर 2 किलोमीटर ऊंची पहाड़ी से तिब्बत में मौजूद कैलाश पर्वत आसानी से दिखाई देता है। हालांकि, अब तक यह बात किसी को पता नहीं थी, लेकिन जब कुछ स्थानीय लोग ओल्ड लिपुपास की पहाड़ी के ऊपर पहुंचे तो वहां से पवित्र कैलाश पर्वत काफी करीब और दिव्य दिखाई दिया। वहीं पर्यटन विभाग का कहना है कि ओल्ड लिपूपास पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर की चढ़ाई चढ़नी पड़ती है, जो आसान तो नही है। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए भी रास्ता बनाया जा सकता है।

Uttarakhand kailash parvat track

इससे पिथौरागढ़ से ही कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकेंगे। इस नाम के लोगों को कैलाश पर्वत के दर्शन करने में आसानी होगी बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा और अगर यह प्लान सक्सेसफुल होता है तो वहां पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे वह एक पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित होगा और उत्तराखंड के पर्यटन को नई उड़ान भी मिलेगी। पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य ने बताया कि ओल्ड लिपुपास पर रास्ता बनाने के साथ ही पर्यटकों के लिए अन्य जरूरी सुविधाएं भी जुटाई जानी है। जिसके बाद इस जगह से देशभर के श्रद्धालु पवित्र कैलाश के दर्शन कर सकेंगे। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्योलिंगकांग से 25 किलोमीटर ऊपर लिंपियाधूरा चोटी से भी कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकते हैं। ऐसे में ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के करीब से कैलाश पर्वत के दर्शन होने से क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन गतिविधियों में तेजी आने की असीम संभावनाएं हैं।


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