image: Curfew in Tehri Garhwal due to fear of leopard

टिहरी गढ़वाल के कई गांवों रात को लग रहा है कर्फ्यू, स्कूल नहीं जा रहे बच्चे, ऐसा है गुलदार का खौफ

टिहरी में गुलदार का खौफ़, हर रात लगता है कर्फ्यू, कोरोना में भी लोगों में इतना नहीं था खौफ़, पढ़िए पूरी खबर
Jul 4 2023 6:22PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल

यूँ तो पूरे उत्तराखंड में ही गुलदार का आतंक फैला है मगर आज हम बात करेंगे नई टिहरी जिले की जहां पर इस कदर गुलदार जगह जगह सक्रिय हैं कि वहां रात को कर्फ्यू लग जाता है।

Curfew in Tehri due to fear of leopard

टिहरी के प्रतापनगर सहित अन्य जगहों पर गुलदार का आतंक बना हुआ है। प्रतापनगर के गांवों में तो गुलदार का कर्फ्यू लगा हुआ है। घनसाली के कुछ गांवों में भी गुलदार की दहशत बनी है। गुलदार का आतंक इस कदर छाया है कि सूरज ढलते ही ग्रामीणों के दरवाजे बंद हो जाते हैं। गुलदार के भय से बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। स्थिति यह हो रखी है कि गई गांवों में सांय होते ही गुलदार को भगाने के लिए ग्रामीणों को रात तक कनस्तर बजाना पड़ रहा है जिससे बाकी लोग सेफ रहें। आगे पढ़िए

Leopard Curfew in Village of Tehri

टिहरी जिले के विभिन्न गांवों में गुलदार का भय बना हुआ है। प्रतापनगर के बौंसाड़ी गांव में अभी कुछ दिन पहले शाम को अपने नातियों के साथ आंगन में टहल रही महिला पर गुलदार ने हमला कर दिया। महिला के चिल्लाने पर घर के सदस्य भी बाहर भागे, जिससे गुलदार भाग निकला और बच्चों की जान भी बच गई। वहीं इसी ब्लाक के भरपूरिया गांव में तो गुलदार दिनदहाड़े आ धमका, जिससे गांव में दहशत बन गई। यहां पर शाम होते ही लोगों के घरों में ताला लग जाता है। इसी तरह भिलंगना ब्लाक के नैलचामी व गोनगढ़ पट्टी में भी गुलदार के आतंक से ग्रामीणों का इधर-उधर जाना मुश्किल हो गया है। नैलचामी में पिछले दो सप्ताह से गुलदार की का आतंक बना है। एक जुलाई को स्कूल खुलने के बाद गुलदार के भय से इन गांवों में पचास प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूल गए। वहीं ग्रामीण भी अकेले इधर-उधर नहीं जा पा रहे हैं। महिलाओं ने भी खेतीबाड़ी का काम भी बंद कर दिया है। लोगों की दिनचर्या बेहद प्रभावित हो रही है। कुल मिला कर टिहरी में गुलदार के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है और लोगों के बीच खौफ़ पसर रखा है।


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