बचपन में झेले समाज के ताने, आज उत्तराखंड की पहली महिला सहायक खेल निदेशक हैं राशिका
हॉकी खेलने के लिए राशिका ने बुर्का पहनना छोड़ दिया। जब वो स्कर्ट पहनने लगीं तो लोग ताने मारने लगे, लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने पर भी खूब कमेंट किए गए।
Jul 7 2023 6:00PM, Writer:कोमल नेगी
हल्द्वानी की राशिका सिद्दीकी को प्रदेश की पहली महिला सहायक खेल निदेशक बनने का गौरव हासिल हुआ है।
Rashika Siddiqui Story Uttarakhand
इससे पहले वो नैनीताल में जिला क्रीड़ाधिकारी के पद पर तैनात रहीं, प्रमोशन के बाद अब वो सहायक खेल निदेशक के तौर पर सेवाएं देंगी। आज राशिका किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। राशिका बताती हैं कि हॉकी खेलने के लिए उन्हें बुर्का पहनना छोड़ना पड़ा। जब वो स्कर्ट पहनती थीं तो लोग आपत्ति जताते थे। लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने पर लोग ताने मारा करते थे। राशिका ही नहीं उनके परिवार को भी कट्टरवादी सोच से लड़ना पड़ा। राशिका के पिता मो. फरहान सिद्दीकी रेलवे विभाग में थे। पांच भाई बहनों में सबसे छोटी राशिका को खेल और पढ़ाई सब में परिवार का पूरा सहयोग मिला, लेकिन कट्टरवादी सोच से लड़ना आसान नहीं था।
जब वो खेल की प्रैक्टिस के लिए मिनी स्टेडियम आतीं तो समाज के लोग हिजाब छोड़कर स्कर्ट पहनने के लिए उन्हें खूब ताने मारते थे, पर पिता ने बच्चों पर कभी कोई बंदिश नहीं लगाई। राशिका ने इंटर तक की पढ़ाई काठगोदाम से की। बाद में एमबीपीजी से पोस्ट ग्रेजुएट कर वर्ष 1989 में पटियाला से एनआईएस (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्ट्स) डिप्लोमा किया। वर्ष 1992 में मुंबई में मेडिकल सोशल वर्कर का काम किया। साल 1993 में डिप्टी खेल अधिकारी बनने के बाद वर्ष 1998 में उनका निकाह बनभूलपुरा निवासी कारोबारी मो. शहजाद से हुआ। पति ने भी राशिका को हमेशा सपोर्ट किया। इस तरह राशिका एक के बाद एक सफलता के पायदान चढ़ती गईं। अब वो प्रदेश की पहली महिला सहायक खेल निदेशक बनी हैं। राशिका के भाई बहन भी अलग-अलग क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे हैं।