चमोली में 16 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन? अब सामने आई बड़ी बात
chamoli current incident चमोली करंट हादसा: लापरवाही से गई 16 लोगों की जान,पूरा बजट मिलने पर भी ईंट की जगह लगाई टीन की शेड और दीवार
Jul 21 2023 6:03PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट में हुए हादसे से हर कोई सदमे में है। महज एक ही पल में 16 लोग मौत के मुंह में समा गए। जिसने भी यह हादसा देखा, उसका दिल दहल गया। मगर बड़ा सवाल यह है कि यह हादसा आखिर क्यों हुआ? इसकी वजह बड़ी लापरवाही है।
Who is responsible for 16 people death in Chamoli
जिस एसटीपी में करंट लगने से बड़ा हादसा हुआ था उसका पूरा ढांचा इंजीनियरों ने लोहे और टीन का खड़ा कर दिया। जबकि जिस जगह पर पूरा काम ही बिजली के उपकरणों का है, वहां विशेषज्ञों की नजर में लोहे और टीन से परहेज किया जाना चाहिए था। टीन की बजाय ईंट की दीवारें खड़ी की जानी चाहिए थी। ऐसे में एसटीपी के पूरे डिजाइन और निर्माण पर ही सवाल उठ रहे हैं। 87 लाख का बजट नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत जल निगम को मिला। निर्माण का जिम्मा प्राइवेट कंपनी को दिया गया, लेकिन डिजाइन और निर्माण की शर्तें जल निगम ने ही तय की। आगे पढ़िए
वहीं जल निगम के स्तर पर बड़ी लापरवाही हुई। एसटीपी का जो शेड तैयार किया है, उसकी छत से लेकर दीवारें तक टीन की हैं। जो सीढ़ी और रेलिंग हैं, वो भी पूरी तरह लोहे की हैं। इसी लोहे की शेड से सटा कर बिजली की तारें गुजार दी गईं। इन बिजली की तारों को प्लास्टिक का प्रोटेक्शन दिया गया था। यही बिजली की केबिल टीन की दीवारों से सटी हुई हैं। यूपीसीएल के निदेशक ऑपरेशन एमएल प्रसाद ने बताया कि बरसात में टीन से सट कर यदि केबिल गुजरती है, तो इससे करंट का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि 87 लाख का बजट उपलब्ध होने के बावजूद ईंट की जगह टीन का शेड खड़ा क्यों किया गया।जब एसटीपी परिसर में निर्माण में ईंट का इस्तेमाल हुआ ही नहीं, तो इतना बजट कहां गया। वहीं जल निगम के एमडी एससी पंत का कहना है कि जल निगम की टीम पहुंच गई है। chamoli current incident की जल निगम के स्तर पर भी पड़ताल की जा रही है। किसी भी प्रकार की लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा।