चमोली की तरह रुद्रप्रयाग में भी हो सकता है भयानक हादसा, रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए, तब तक सरकार की नींद नहीं टूटती। ‘सब चलता है’ वाला एटीट्यूड आखिर कब तक चलेगा।
Jul 26 2023 6:11PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
सरकार के लिए लोगों की जान सस्ती हो गई है। जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए, तब तक सरकार की नींद नहीं टूटती। ‘सब चलता है’ वाला एटीट्यूड आखिर कब तक चलेगा।
Rudraprayag Sewage Treatment Plant Bad condition
अब चमोली में हुए करंट हादसे को ही ले लें। यहां बीते बुधवार को नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर करंट फैलने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। जांच हुई तो बड़ी लापरवाही सामने आई। दरअसल चमोली में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लोहे के एंगलों और टिन के ढांचो पर खड़े हैं। यहां सुरक्षा मानकों की लगातार अनदेखी की जा रही थी और एक दिन यही अनदेखी 16 लोगों की मौत की वजह बन गई। सिर्फ चमोली ही नहीं प्रदेश के रुद्रप्रयाग जिले में भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। यहां भी एसटीपी लोहे के एंगलों और टिन के ढांचों पर खड़े हैं। इनमें सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। चमोली में हुई करंट दुर्घटना के बाद हो रहे सेफ्टी ऑडिट में ये खुलासा हुआ है। जांच के दौरान पता चला कि नमामि गंगे परियोजना में निर्मित प्लांटों में मानकों से आधे कर्मचारी काम कर रहे हैं। नियमानुसार 4 कर्मचारियों की तैनाती होनी चाहिए, लेकिन यहां सिर्फ दो लोग तैनात हैं। कर्मचारियों को सैलरी कम मिलती है और उनकी सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं हैं।
ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर अनूप नेगी मेमोरियल पब्लिक स्कूल के पास बना एसटीपी भूस्खलन जोन में है। डाट पुलिया स्थित एसटीपी में बरसात के दौरान ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग का सारा पानी घुस रहा है। यहां बिजली की तारें भी लोहे से बने फर्श पर बिछी हैं। इसी तरह केदारनाथ तिराहा और बेलणी में बने प्लांट में भी सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं हो रहा है। हालांकि जल संस्थान के अधिकारी चमोली हादसे से सबक लेते हुए सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात जरूर कह रहे हैं। महाप्रबंधक एएस अंसारी ने कहा कि यहां काम करने वाले कर्मचारियों को करंट से बचाने के लिए जूते, ग्लब्स और विशेष ड्रेस मुहैया कराई जाएगी। साथ ही प्लांट की फर्श पर करंट से बचाने के लिए मैट बिछाई जाएगी। एसटीपी में सुरक्षा मानकों की जांच की जा रही है।