देहरादून के इन इलाकों में जमीन लेने वाले ध्यान दें, सरकार ने लिया बड़ा फैसला
Dehradun tea garden property देहरादून के चाय-बागान अब कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे हैं। देर से ही सही प्रशासन ने इस दिशा में गंभीर होकर काम करना शुरू कर दिया है.
Jul 27 2023 5:49PM, Writer:कोमल नेगी
देहरादून के जिन क्षेत्रों में पहले चाय बागान हुआ करते थे, वहां अब जमीनों पर भूमाफिया का राज है। कभी इन चाय बागानों को देहरादून की शान, इस शहर की पहचान कहा जाता था, पर अब सब बदल गया है।
Land mafia encroached land of Dehradun tea garden
हरे-भरे नजर आने वाले चाय-बागान अब कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे हैं। देर से ही सही अब प्रशासन ने इस दिशा में गंभीर होकर काम करना शुरू कर दिया है। चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त करने वाले भूमाफिया को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्हें कोर्ट में तलब किया गया है। अपर जिलाधिकारी डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने विवादित भूमि को लेकर संबंधित लोगों को नोटिस जारी किये हैं। इस संबंध में जमीन की खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों को 11 अगस्त को अदालत में हाजिर होने को कहा गया है। अदालत ने चाय बागान की भूमि खरीदने वाले विनोद कुमार और दीपचंद अग्रवाल को 11 अगस्त को भूमि संबंधी सभी दस्तावेजों के साथ अदालत में तलब किया है। यह विवादित भूमि रायपुर की खसरा नंबर 1586 है। दून में चाय बागान और सीलिंग की जमीन की खरीद- फरोख्त मामले की सुनवाई अपर जिलाधिकारी डॉ. शिव कुमार बरनवाल कर रहे हैं। आगे पढ़िए
डॉ. बरनवाल ने एसडीएम ऋषिकेश और एसडीएम विकासनगर को ढकरानी, आर्केडिया और रायवाला में सीलिंग की जमीन का नया और पुराना पूरा रिकार्ड देने के आदेश दिए हैं। एक जून को एसडीएम और तहसीलदार को लाडपुर के पर्ल व्यू की रिपोर्ट तीन दिन में देने के लिए भी कहा गया था, लेकिन दो महीने बाद भी यह रिपोर्ट नहीं दी गई। आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने कहा कि चाय बागान की भूमि को खुर्द-बुर्द करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि देहरादून के जमीनपुर, एटनबाग, रायपुर, नत्थनपुर, अंबाड़ी, जीवनगढ़,एनफील्ड ग्रांट, रायपुर, आरकेडिया ग्रांट, हरबंसवाला, मलुकावाला, खेमादोज, मोहकमपुर खुर्द, बंजारावालामाफी, ईस्ट होम टाउन और लाडपुर में चाय बागान की (Dehradun tea garden property) जमीन है। इस संबंध में अधिवक्ता विकेश नेगी ने डीएम से शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि प्रतिबंध के बावजूद इन जमीनों का सौदा हो रहा है।