image: Uttarakhand Dev Raturi has opened 8 restaurants in China

एक गढ़वाली लड़का कभी चीन में वेटर बनकर गया, आज चीन में ही उसके 8 रेस्टोरेंट हैं

Dev Raturi देव रतूड़ी वेटर के तौर पर चीन गए थे। आज वो चीनी फिल्म इंडस्ट्री के हाई डिमांड एक्टर हैं। चीनी बच्चों को उनकी कहानी पढ़ाई जाती है।
Jul 28 2023 9:51AM, Writer:कोमल नेगी

दुनिया का ऐसा कोई कोना नहीं, जहां पहाड़ का प्रतिनिधित्व न हो। यहां के मेहनती युवा रोजी-रोटी की तलाश में गांव से शहर और शहर से विदेशों तक का सफर तय कर रहे हैं।

Dev Raturi has opened 8 restaurants in China

इनमें कुछ युवा ऐसे भी हैं, जिन्होंने विदेश में छोटे-मोटे काम को अपनी किस्मत मानने के बजाय, अपनी मेहनत से किस्मत को ही बदल दिया। उत्तराखंड के देव रतूड़ी ऐसी ही शख्सियत हैं। देव रतूड़ी भारत से वेटर बनकर चीन गए थे, लेकिन आज वो चीनी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज स्टार हैं। वो 20 से ज्या़दा चीनी फिल्मों, टीवी और वेब सीरीज में अहम किरदार निभा चुके हैं। 46 साल के देव रतूड़ी उत्तराखंड के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। देव ने कभी नहीं सोचा था कि वो चीन में इतना बड़ा मुकाम हासिल कर लेंगे कि उनके बारे में बच्चों को पढ़ाया जाने लगेगा, लेकिन सच यही है कि आज देव की कहानी स्कूल के पाठ्यक्रमों में प्रेरणादायक कहानी के रूप में शामिल कर ली गई है। शांक्सी प्रांत के शीआन शहर के स्कूलों में कक्षा 7 के छात्रों को देव रतूड़ी की कहानी पढ़ाई जा रही है। आगे पढ़िए

देव का जन्म टिहरी जिले के केमरिया सौड़ गांव में हुआ। चीन जाने से पहले देव ने भारत में भी कई ऑडिशन दिए थे, लेकिन हर बार रिजेक्ट कर दिए गए। इसके बाद देव ने मार्शल आर्ट सीखी और वेटर के तौर पर काम करने के लिए चीन पहुंच गए। साल 2005 में उन्होंने बीजिंग के एक रेस्टोरेंट में वेटर का काम किया। इसी दौरान उन्होंने मंदारिन भाषा सीखी। 7 साल की कड़ी मेहनत के बाद वो एक जर्मन रेस्टोरेंट के मैनेजर बन गए। साल 2010 में वो एक हॉस्पिटैलिटी चेन के एरिया डायरेक्टर बने। साल 2013 में देव ने रेड फोर्ट नाम से खुद का रेस्टोरेंट खोल लिया। इसके बाद उन्हें 'स्वात' फिल्म में छोटा सा रोल निभाने को मिला। इस तरह चीनी फिल्म इंडस्ट्री में देव का सफर शुरू हुआ और आज वो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इतना ही नहीं देव चीन में आठ रेस्टोरेंट के मालिक भी हैं। Dev Raturi कहते हैं कि मेरे पास डटे रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। अगर मन में ठान लिया जाए, तो हर सपने को साकार किया जा सकता है।


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