फूलों की घाटी में सुकून की जिंदगी जी रहा है ये दुर्लभ जीव, जानिए इसकी खास बातें
Himalayan Pika Valley of Flowers फूलों की घाटी में रंग-बिरंगे फूलों के बीच हिमालयी पिका को उछलते-कूदते देख लोग अपना दिल हार बैठते हैं।
Aug 6 2023 2:58PM, Writer:कोमल नेगी
जैव विविधता के लिए मशहूर उत्तराखंड कई दुर्लभ जीवों का घर है।
Himalayan Pika in Valley of Flowers
हिमालयी पिका एक ऐसा ही जीव है, जो कि सात साल पहले संकटग्रस्ट प्रजाति में शामिल कर लिया गया था, लेकिन चमोली स्थित फूलों की घाटी इस छोटे-प्यारे जीव को खूब रास आ रही है। यहां हिमालय पिका का कुनबा खूब फल-फूल रहा है। यह नन्हा सा स्तनपायी जीव इन दिनों घाटी में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। रंग-बिरंगे फूलों के बीच हिमालयी पिका को उछलते-कूदते देख लोग अपना दिल हार बैठते हैं। हिमालयी पिका (वैज्ञानिक नाम ओचोटोना हिमालया) खरगोश परिवार का सदस्य है। स्थानीय भाषा में इन्हें बिना पूंछ वाला चूहा कहा जाता है। उत्तराखंड में ये तुंगनाथ, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में पाए जाते हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, बंगाल और सिक्किम के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भी इनकी मौजूदगी मिलती है। हिमालयी पिका पहाड़ी ढलानों पर रहना पसंद करता है और जैव विविधता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह घास और पत्तियों को भोजन के रूप में इस्तेमाल करता है, इससे पौधों की कटाई-छंटाई भी होती रहती है।
प्लास्टिक कचरे और ग्लोबल वार्मिंग के कारण इनके आवास क्षेत्र सिकुड़ते जा रहे हैं। इससे इनके जीवन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने साल 2016 में पिका को चिंताग्रस्त श्रेणी में दर्ज किया था, हालांकि फूलों की घाटी में हिमालयी पिका की संख्या में इजाफा हुआ है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी वीवी मार्तोलिया ने कहा कि इस बार पिका की संख्या पिछले वर्षों से ज्यादा दिखाई दे रही है। फूलों की घाटी में इसका डाटा तैयार कराया जा रहा है। विश्व धरोहर फूलों की घाटी में पिका की संख्या बढ़ने को विशेषज्ञ शुभ संकेत मान रहे हैं। समुद्र तल से 12500 फीट पर 87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली फूलों की घाटी (Himalayan Pika Valley of Flowers) जैव विविधता का खजाना है। जहां पर दुनिया के दुर्लभ प्रजाति के फूल खिलते हैं। विश्व धरोहर फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी गई है, आप यहां अक्टूबर तक विजिट कर सकते हैं।