image: CIMSR Chairman Lalit Joshi Great work

एक पहाड़ी ऐसा भी: खुद उठाया बिन बाप के दो गरीब बेटों का खर्च, आज एक अग्निवीर बन गया

बागेश्वर के मुकुल जोशी और उनके भाई सूरज की कहानी कोविड काल की सबसे दर्दनाक कहानियों में से एक है।
Aug 22 2023 8:14AM, Writer:कोमल नेगी

कुछ लोग मिसाल बनकर कई जिंदगियों को रोशन करने का हुनर रखते हैं।

CIMSR Chairman Lalit Joshi Great work

कंबाइंड पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के चेयरमैन ललित जोशी ऐसी ही शख्सियत हैं। ललित अनाथ बच्चों को आसरा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहे हैं। ललित जोशी ने जिन बच्चों की जिंदगी संवारी उनमें से एक मुकुल जोशी आज सेना में भर्ती हो गया है। रविवार को बागेश्वर निवासी मुकुल जोशी जब सेना की वर्दी पहनकर सीआईएमएसआर पहुंचा तो चेयरमैन ललित जोशी का सीना गर्व से फूल गया। बागेश्वर के मुकुल जोशी और उनके भाई सूरज की कहानी कोविड काल की सबसे दर्दनाक कहानियों में से एक है। देहरादून में रह रहे मुकुल और सूरज के पिता की कोविड काल में मौत हो गई थी, पिता ठेली लगाया करते थे।

थोड़े दिन बाद मकान मालिक ने उन्हें घर से निकाल दिया। इसके बाद ब्रेन हेमरेज से उनकी मां भी चल बसी और दोनों भाई दर-दर की ठोकरें खाने लगे। मुश्किल वक्त में जब अपनों ने किनारा कर लिया तो कंबाइंड पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च (CIMSR) के चेयरमैन ललित जोशी दोनों की मदद को आगे आए। ललित जोशी ने दोनों भाईयों को अपने इंस्टीट्यूट में शरण दी और उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया। आज एक भाई मुकुल अग्निवीर की ट्रेनिंग पूरी करके लौटा है, जबकि छोटा भाई होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा करने के बाद जॉब ट्रेनिंग कर रहा है। अग्निवीर बने मुकुल बताते हैं कि माता-पिता की मौत के बाद वो सड़क पर आ गए थे। कई रातें रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और सब्जी मंडी में खुले में गुजारीं। मकान मालिक ने उनका सामान तक जब्त कर लिया था। इस बीच ललित मोहन जोशी उनकी मदद के लिए आगे आए और उनकी मदद से दोनों भाई आज अपने पांव पर खड़े हो गए हैं।


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