उत्तराखंड मांगे भू कानून: देहरादून में भू-माफियाओं की दादागीरी, जमीनों की खुलेआम खरीद फरोख्त
बीते दो माह में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निगम की भूमि कब्जे की जद में पाई गई। कई बार निगम की टीम कार्रवाई करने गई भी, लेकिन भूमाफिया के रसूख से डरकर वापस लौट आई।
Aug 31 2023 8:23PM, Writer:कोमल नेगी
शासन-प्रशासन सरकारी जमीन से कब्जा छुड़ाने के दावे करते नहीं थक रहा, लेकिन इन दावों की हकीकत क्या है, ये आप देहरादून में देख सकते हैं।
Land mafias encroached upon land in Dehradun
जहां नगर निगम की सरकारी जमीन कब्जाने और खरीदने-बेचने का धंधा खूब चल रहा है। बीते दो माह में शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निगम की भूमि कब्जे की जद में पाई गई। यहां से कब्जा हटाया जाना था, लेकिन निगम की कार्रवाई नोटिस से आगे नहीं बढ़ सकी। दौड़वाला-मोथरोवाला में अतिक्रमणकारियों ने दस्तावेज दिखाने के लिए समय मांग लिया, जबकि कुआंवाला में अतिक्रमणकारी कोर्ट की शरण में चले गए। कई मामलों में राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले लोग जमीनें खुर्द-बुर्द करने में लगे हैं। नदी-नालों के किनारे प्लॉट काटे जा रहे हैं। दौड़वाला में एक नेता ने निजी जमीन की आड़ में सरकारी भूमि कब्जाकर प्लाटिंग कर दी। कुआंवाला में 0.75 हेक्टेयर भूमि में 10 अतिक्रमणकारी चिह्नित किए गए हैं। इस तरह मोथरोवाला-दौड़वाला क्षेत्र में नगर निगम की जमीन पर लगातार कब्जा हो रहा है।
बीते शुक्रवार को यहां निगम की टीम ने सात अवैध मकान ध्वस्त भी किए, लेकिन कई जगह राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं की गई। आरोप लग रहे हैं कि निगम राजनीतिक दबाव में कार्रवाई करने से बच रहा है। कुआंवाला के साथ दौड़वाला, नौका, इंद्रपुरी फार्म, डकोटा समेत आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों बीघा सरकारी भूमि खुर्द-बुर्द हो रही है। ब्रह्मपुरी, चमनपुरी, रिस्पना नगर, चोरखाला, बिंदाल, जवाहर कॉलोनी, वाणी विहार, ब्राह्मणवाला, कांवली, इंद्रेश नगर, कारगी, बंजारावाला समेत अन्य क्षेत्रों में नगर निगम की जमीनों की खरीद-फरोख्त की जा रही है। आरोप है कि 10, 20 और 100 रुपये के स्टांप पेपर पर जमीन बेची जा रही हैं। भूमाफिया के रसूख के आगे नगर निगम भी बेबस नजर आ रहा है। हालांकि नगर निगम के अधिकारियों और महापौर का कहना है कि वर्षाकाल में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नही की जा सकी, लेकिन जल्द ही अभियान तेज किया जाएगा।