गढ़वाल: सेना में प्रमोट होकर सूबेदार मेजर बने CM योगी के भाई, लैंसडोन में है पोस्टिंग
सीएम योगी के भाई सूबेदार मेजर के पद पर प्रमोट, चीन से सटी LAC पर तैनात हैं। वर्तमान समय में उनकी पोस्टिंग गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में है।
Sep 6 2023 11:30AM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
एक बहुत अच्छी पॉजिटिव खबर आ रही है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के भाई सूबेदार शैलेन्द्र को सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया है।
Yogi Adityanath brother became Subedar Major in Army
आप यह तो जानते ही होंगे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी टिहरी से नाता रखते हैं। उनके भाई शैलेंद्र बिष्ट ने कुछ साल पहले ही बताया था कि वह बचपन से ही देश की सेवा में जाना चाहते थेइसीलिए वे स्काउट गाइड में शामिल हुए थे। बाद में उन्होंने अपने सपने को साकार भी किया। उन्हें सूबेदार मेजर पद पर प्रमोशन मिला है। सूबेदार मेजर शैलेंद्र गढ़वाल रेजिमेंट में सर्वोच्च गैर-कमीशन अधिकारी रैंक पर हैं। वर्तमान समय में उनकी पोस्टिंग गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में है। इस पोस्टिंग से पहले उनकी पोस्टिंग उत्तराखंड में चीन सीमा से लगे हुए क्षेत्र माणा में थी। योगी आदित्यनाथ मूल रूप से टिहरी से ताल्लुक रखते हैं। वे तीन भाई-बहन हैं। उनके भाई शैलेंद्र पहले गढ़वाल स्काउट यूनिट पहाड़ी सीमाओं की रक्षा के लिए काम करते थे। वे सैनिकों के रूप में स्थानीय व्यक्तियों को भर्ती करती है। चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा के कारण यह सीमा काफी महत्वपूर्ण हैं। सीएम योगी के भाई शैलेंद्र ने कहा था कि वह बचपन से देश की सेवा में जाना चाहते थे, इसीलिए वे स्काउट गाइड में शामिल हुए। उन्हें सूबेदार मेजर पद पर प्रमोशन मिला है। सूबेदार मेजर शैलेंद्र गढ़वाल रेजिमेंट में सर्वोच्च गैर-कमीशन अधिकारी रैंक पर हैं। आगे पढ़िए
वर्तमान समय में उनकी पोस्टिंग गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में है। इस पोस्टिंग से पहले उनकी पोस्टिंग उत्तराखंड में चीन सीमा से लगे हुए क्षेत्र माणा में थी।सीएम योगी 4 भाई-बहन हैं। इसमें मानवेंद्र मोहन सबसे बड़े हैं। इसके बाद शैलेंद्र और महेंद्र मोहन हैं। योगी का पूरा परिवार साधारण जीवन बसर करता है। योगी के पिता भी फाॅरेस्ट रेंजर रह चुके हैं। योगी की एक बहन भी हैं। जो पौड़ी गढ़वाल में भुवनेश्वरी देवी मंदिर के प्रसाद की दुकान चलाती हैं।योगी आदित्यनाथ पौढ़ी गढ़वाल के गांव पंचूर में अपने परिवार के साथ रहते थे। महज 21 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। 1993 में यूपी के गोरखपुर चले गए थे और सन्यास ग्रहण कर लिया और बाबा गोरखनाथ मंदिर में बाबा की सेवा में लग गए। यहीं से उन्होंने राजनीति में कदम रखा और यूपी सीएम की कुर्सी तक पहुंचे। सीएम योगी का यूपी सीएम के तौर पर ये दूसरा कार्यकाल है। वहीं रिटायर्ड कर्नल बीएस राजावत, विशिष्ट सेवा मेडल(VSM) ने कहा है कि राजनेताओं के परिवार में अच्छे सैनिक या किसान हों तो वे इस देश की जमीनी हकीकत को समझेंगे और आम आदमी के प्रति सहानुभूति रखेंगे। मैं सूबेदार मेजर को शुभकामनाएं देता हूँ।