देहरादून वाले बेहद सावधान रहें, डेंगू से अब तक 13 लोगों की मौत, ये इलाका बना हॉट स्पॉट
देहरादून में डेंगू पीड़ितों का आंकड़ा 640 की संख्या को पार कर गया है। यहां प्राइवेट अस्पतालों और पैथोलॉजी सेंटरों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
Sep 11 2023 3:09PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में डेंगू का डंक कहर बरपा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में डेंगू के केस मिल रहे हैं, जिसका सबसे ज्यादा असर देहरादून में है। राजधानी देहरादून में डेंगू के 29 नए केस आए सामने आए हैं।
Dengue fever spreading in Dehradun
यहां अब तक डेंगू से 13 लोगों की मौत हो चुकी है, कई लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। पूरे प्रदेश की बात करें तो 24 घंटों में डेंगू के 62 नए केस मिले हैं। राजधानी देहरादून में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां डेंगू पीड़ितों का आंकड़ा 640 की संख्या को पार कर गया है। अब रायपुर क्षेत्र डेंगू का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। यहां करीब पांच सौ रोगी मिले हैं। हर घर में बुखार का मरीज मिल रहा है। बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों और पैथोलॉजी सेंटरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, ताकि डेंगू जांच और इलाज के नाम पर मरीजों को लुटने से बचाया जा सके। उनसे निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क न वसूला जाए। स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में डेंगू रोगियों के लिए बेड, ब्लड सेंटरों में पर्याप्त मात्रा में रक्त और डेंगू से संबंधित पैथोलॉजी सेंटरों में जांचों की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी बनाए हैं।
यह नोडल अधिकारी प्रशासन द्वारा जारी डेंगू जांच के निर्धारित शुल्क की सूची प्रत्येक अस्पतालों में प्रदर्शित किए जाने के लिए समय-समय पर निरीक्षण करेंगे। अगर कोई अस्पताल, पैथोलॉजी सेंटर या फिर ब्लड सेंटर निर्धारित शुल्क से अधिक पैसा वसूलता है, तो उस सेंटर और अस्पताल पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि डेंगू गाइडलाइन का पालन किए जाने को लेकर जिलाधिकारी की ओर से सभी एसडीएम और एसीएमओ की संयुक्त टीम बनाई गई है, जो समय-समय पर सभी अस्पतालों और पैथोलॉजी सेंटरों का निरीक्षण कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल गाइडलाइन का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उधर, कोटद्वार में शनिवार को दो युवकों की मौत हो गई, इसमें एक डेंगू पीड़ित था, जबकि दूसरे में डेंगू के लक्षण थे।