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देश के अगले महामहिम का नाम तय !... प्रणब मुखर्जी से हुई मोहन भावत की मुलाकात !

Jun 17 2017 9:01PM, Writer:Shantanu

देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। इस मुद्दे पर लगातार चर्चा जारी है। सत्ता और विपक्ष के नेता अपने अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। सरकार की तरफ से एक राय बनाने की कोशिश की जा रही है। सरकार की तरफ से राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू ने विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात की थी। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कुछ सामने नहीं आया। वहीं वाम दलों के साथ भी दोनों नेताओं ने मुलाकात की थी। सरकार की तरफ से ये संकेत दिया जा रहा है कि वो आम राय बनाने के पक्ष में है। हालांकि अभी तक कोई एक नाम सामने नहीं आ पाया है। इन सबसे बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। शिवसेना ने पहले ही संघ प्रमुख को अपनी पसंद बता रखा है।

मोहन भागवत ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। इसके बाद इस बात के कयास लगने लगे कि भागवत अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं। हालांकि इस मुलाकात को लेकर कहा जा रहा है कि ये पहले से तय थी। ये राजनीतिक मुलाकात नहीं है। वहीं संघ प्रचारक राकेश सिन्हा ने भागवत की उम्मीदवारी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख इस पद के लिए रेस में नहीं हैं। वहीं बीजेपी के लिए मुश्किल का कारण बनी शिवसेना को साधने का जिम्मा खुद अमित शाह ने लिया है। वो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात के बाद साफ हो जाएगा कि शिवसेना किसके साथ है। माना जा रहा है कि शिवसेना भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन दे सकती है। कुल मिलाकर राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने में इतने मोड़ आ रहे हैं जिस से कोई भी हैरान हो जाए।

एक तरफ बीजेपी की ताकत बढ़ रही है, तो वहीं उम्मीदवार के नाम को लेकर सस्पेंस बरकरार है। बीजेपी के अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनवाने के लिए पर्याप्त संख्या बल भी नहीं है। ऐसे में बीजेपी के लिए अच्छी खबर दक्षिण भारत से मिल रही है। तमिलनाडु की AIADMK के अम्मा गुट ने एनडीए को समर्थन का एलान किया है। इतना ही नहीं, पन्नीरसेल्वम गुट भी एनडीए के कैंडिडेट को समर्थन दे सकता है। ये भाजपा के बड़ी राहत की खबर है। अगर ऐसा हो जाता है तो राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का वोट शेयर 55 फीसदी हो जाएगा। काफी दिनों से बीजेपी तमिलनाडु की सियासत में अन्नाद्रमुक को अहमियत दे रही है। खास तौर पर अम्मा के निधन के बाद से बीजेपी के साथ इस पार्टी के संबंध मधुर हुए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अब बीजेपी को केवल राष्ट्रपति का उम्मीदवार तय करना है। उसकी जीत पक्की मानी जा रही है।


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