image: pregnant woman dies due to lack of blood in Almora

पहाड़ में दम तोड़ती स्वास्थ्य सुविधाएं, खून के लिए 8 दिनों तक दौड़ता रहा पति, गर्भवती पत्नी की मौत

सीता का पति 8 दिनों तक खून का इंतजाम करने के लिए भटकता रहा, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी सीता बच नहीं सकी।
Nov 2 2023 12:22PM, Writer:कोमल नेगी

सरकार दावे कर रही है कि आने वाला वक्त उत्तराखंड का होगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए दून की सड़कें-इमारतें चमकाई जा रही हैं

Pregnant woman dies due to lack of blood in Almora

लेकिन पहाड़ी इलाकों का हाल ये है कि खून की एक-एक बूंद के लिए तरसते मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं। अल्मोड़ा के कपकोट की रहने वाली 35 साल की सीता देवी को भी बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। सीता का पति 8 दिनों तक खून का इंतजाम करने के लिए भटकता रहा। बेस अस्पताल से 7 किमी दूर जिला अस्पताल के चक्कर लगाता रहा, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी सीता बच नहीं सकी। सीता प्रेग्नेंट थी। प्रसव पीड़ा होने पर डॉक्टरों ने उसे अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। सीता का केस जटिल था। 20 अक्टूबर को ऑपरेशन से सीता की डिलीवरी हुई। उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, लेकिन सीता की खुद की हालत बिगड़ती चली गई। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर तो थे, लेकिन ब्लड बैंक नहीं था।

ऐसे में सीता के पति भुवन को खून का इंतजाम करने के लिए करीब सात किमी दूर जिला अस्पताल के कई चक्कर लगाने पड़े। भुवन ने सीता को बचाने के लिए सबकुछ किया, लेकिन 28 अक्टूबर की मनहूस रात सीता ने दम तोड़ दिया। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की बात करें तो यहां 20 महीने बाद भी एक अदद ब्लड बैंक नहीं खुल पाया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश के बावजूद अस्पताल में जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रहीं। सीता के केस को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद सीता की ब्लीडिंग नहीं रुकी। उसे 8 दिन में 6 यूनिट खून चढ़ाया गया। कॉलेज में ब्लड बैंक शुरू करने को लेकर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इस बारे में शासन से पत्राचार किया जा चुका है। नेता सिर्फ आश्वासन तक सीमित रहते हैं। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।


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