image: China on modi trumps meet

चीन ने भारत को दी बड़ी चेतावनी, मोदी-ट्रंप की मुलाकात के बाद दी ये धमकी

Jun 28 2017 4:45PM, Writer:जतिन

चीन की बौखलाहट एक बार फिर से देखने को मिल रही है। सोमवार को जैसे ही व्हाइट हाइस में पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच मुलाकात हुई तो लगा कि ड्रैगन को आग लग गई। china के अखबार ग्लोबल टाइम्स में इस मुलाकात को लेकर कई बातें कही जा रही हैं। ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया कि भारत को china को लेकर इस तरह की आक्रामकता नहीं दिखानी चाहिए। साथ ही अखबार में कहा गया कि china की ताकत भारत के हर मामले में कई ज्यादा है। आगे लिखा गया है कि भारत को अमेरिका से जो समर्थन हासिल हो रहा है, उसे लेकर किसी भी तरह की चिंता नहीं होनी चाहिए। इस बीच सिक्किम में जिस क्षेत्र को लेकर भारत और china के बीच विवाद चल रहा है, उसे लेकर भी ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है कि जिस क्षेत्र को लेकर भारत आपत्ति जता रहा है, वो china का हिस्सा है। इससे पहले मोदी और ट्रंप की मुलाकात हुई थी।

इस दौरान दोनों देशों के बीच आतंकवाद जैसे कई मुद्दों पर आपसी सहमति बनी। इसके साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दे डाली। इसके अलावा हिंद महासागर में china के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए भी भारत और अमेरिका के बीच सहमति बनी। खबर है कि हिंद महासागर में अगले महीने भारत और अमेरिका मिलकर अब तक का सबसे बड़ा नौसैनिक युद्धाभ्यास करेंगे। इसके साथ ही अमेरिका से भारत को 23 ड्रोन्स भी मिल रहे हैं। इसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना हिंद महासागर में china के जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रखने के लिए करेगी। मोदी और ट्रंप की मुलाकात पर china और पाकिस्तान दोनों ही मुल्कों की कड़ी नजर थी। मुलाकात के बाद ग्लोबल टाइम्स ने लेख छापा और लिखा कि ये वक्त china के खिलाफ आक्रामकता दिखाने का नहीं है। यहां आपको खास बात ये भी बता दें कि ग्लोबल टाइम्स को china का सरकारी अखबार कहा जाता है।

इस अखबार में लिखा गया है कि सीमा विवाद के मामले में भारत china के सामने किसी भा हाल में नहीं टिक सकता। अखबार में लिखा गया है कि भारत का कोई भी कदम हो china को अपनी बात पर कायम रहना चाहिए। इसके साथ ही लिखा गया है कि china की सेना को भारत की सेना को सीमा पार भेजने के लिए मजबूर करना चाहिए। इसके लिए हर कार्रवाई की जानी चाहिए। अखबार में लिखा गया है कि भारत और चीन के बीच की बॉर्डर ठीक ढंग से तैयार नहीं हुई है। अखबार का कहना है कि इस गलतफहमी की वजह से कई बार दोनों मुल्कों की सेनाएं कई बार सीमा रेखा पार कर देती हैं। खैर ग्लोबल टाइम्स ने इसके अलावा भी कई बातें अपने लेख में कही हैं। अब देखना है कि भारत सरकार इसका किस तरह से जवाब देती है। इसके साथ ही ये भी देखना होगा कि अमेरिका इस मामले में भारत का किस तरह से सपोर्ट करता है। इतना जरूर है कि चीन को भारत और अमेरिका की दोस्ती रास नहीं आ रही है।


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