उत्तराखंड: क्या बौखनाग देवता के गुस्से की वजह से हुआ सुरंग हादसा? जानिए क्या कह रहे हैं ग्रामीण
वैज्ञानिक और जांच एजेंसियां हादसे की वजह जानने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये सब स्थानीय देवता के गुस्से की वजह से हुआ है।
Nov 17 2023 7:49PM, Writer:कोमल नेगी
सिलक्यारा सुरंग में फंसी 40 जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद जारी है। सुरंग में भूस्खलन हुए छह दिन हो गए, तब से 40 मजदूर वहां फंसे हुए हैं।
Uttarkashi Silkyara Tunnel Collapses
तमाम वैज्ञानिक और जांच एजेंसियां हादसे की वजह जानने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये सब स्थानीय देवता के गुस्से की वजह से हुआ है। सिलक्यारा-पोलगांव टनल हादसे की वजह लोग बौखनाग देवता के गुस्से को मान रह हैं, जो कि इस क्षेत्र के रक्षक देवता हैं। उनका कहना है कि प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले टनल के मुंह के पास बौखनाग देवता का छोटा सा मंदिर बनाया गया था। स्थानीय मान्यताओं को सम्मान देते हुए अधिकारी और मजदूर पूजा करने के बाद ही अंदर दाखिल होते थे। कुछ दिन पहले नए प्रबंधन ने मंदिर को वहां से हटा दिया, जिसकी वजह से यह घटना हुई है।
लोगों का कहना है कि टनल के पास मंदिर को तोड़े जाने की वजह से बौखनाग देवता नाराज हैं। स्थानीय निवासी राकेश नौटियाल ने कि हमने कंस्ट्रक्शन कंपनी से कहा था कि मंदिर को ना तोड़ा जाए या ऐसा करने से पहले आसपास दूसरा मंदिर बना दिया जाए। लेकिन उन्होंने हमारी चेतावनी को दरकिनार कर दिया, कहने लगे कि यह हमारा अंधविश्वास है। पहले भी टनल में एक हिस्सा गिरा था, लेकिन तब एक भी मजदूर नहीं फंसा था। किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था। गांव वालों का कहना है कि जब तक स्थानीय देवता को शांत नहीं किया जाता, तब तक कोशिशें कामयाब नहीं होंगी। कंस्ट्रक्शन कंपनी ने मंदिर को तोड़कर गलती की और इसी वजह से हादसा हुआ। बता दें कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 लोगों को बचाने के अभियान में 150 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी दिन-रात जुटे हुए हैं। वायु सेना के विमान से आधुनिक मशीनें भी मंगवाई गईं हैं, हालांकि बचाव अभियान में कामयाबी अब तक नहीं मिली है।