उत्तराखंड: नजूल भूमि पर मालिकाना हक के लिए करना होगा इंतजार, बड़ी तैयारी में सरकार
Nazul land in Uttarakhand ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, रामनगर, नैनीताल, देहरादून जैसे शहरों में हजारों परिवार नजूल भूमि पर बसे हैं।
Nov 25 2023 7:20PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के नजूल विधेयक को अब तक राष्ट्रपति भवन से मंजूरी नहीं मिली है।
Nazul land in Uttarakhand
ऐसे में धामी सरकार मौजूदा नजूल नीति की समय सीमा बढ़ाने की तैयारी में है। मौजूदा नजूल नीति की समय सीमा 11 दिसंबर को समाप्त हो रही है। आगामी कैबिनेट में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। सचिव आवास एसएन पांडेय ने इसकी पुष्टि की है। आवास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में करीब 392.024 हेक्टेयर नजूल भूमि है। जो मुख्य रूप से ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, रामनगर, नैनीताल, देहरादून जैसे शहरों में है। रुद्रपुर में करीब 24 हजार परिवार नजूल भूमि पर बसे हुए हैं, शहरों में प्रमुख बाजार नजूल भूमि पर बसे हैं। आगे पढ़िए
अब उत्तराखंड की नजूल नीति पर बड़ा अपडेट सामने आया है। इसकी समय सीमा आगे बढ़ाए जाने की तैयारी है। बता दें कि नजूल भूमि पर बसे परिवारों को मालिकाना हक देने के लिए, उत्तराखंड सरकार ने गैरसैंण में आयोजित सत्र के दौरान उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक पारित किया था। उक्त विधेयक राजभवन ने मंजूरी के लिए राष्ट्रपति भवन के जरिए गृह मंत्रालय के पास भेजा था, जिसे अब तक हरी झंडी नहीं मिली है। नजूल भूमि पर हक मिलने से निवासियों को कई फायदे होंगे। संबंधित व्यक्ति स्वरोजगार ऋण और पीएम शहरी आवास योजना समेत कई जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।