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अब भारत ने दिलाई चीन को युद्ध की याद, 'ये 1962 नहीं 2017 है'

Jun 30 2017 9:45PM, Writer:कबीर

एक बार फिर से चीन के एक और बड़े झूठ का खुलासा हुआ है। इस बार ड्रैगन की चाल का खुद हिंदुस्तान ने पर्दाफाश किया है। आपको पता ही होगा कि आजकल भारत और चीन के बीच सिक्किम की सीमा को लेकर बड़ा विवाद चल रहा है। ड्रैगन ने इससे पहले कहा था कि सिक्किम का कुछ क्षेत्र उसके ही भू भाग में आता है। ड्रैगन की धमकी का भारत ने कड़े शब्दों में जवाब दिया है। भारत ने इस बीच ड्रैगन के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि इंडियन आर्मी के सैनिक उसकी सीमा में घुसे थे। भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि china के सैनिकों ने चुंबी घाटी के तिब्बती भूभाग डोकलम में जबरदस्ती प्रवेश किया। इसके साथ ही वहां सड़क बनाने की भी कोशिश की। इससे पहले china ने कहा था कि भारत को 1962 का युद्ध याद रहना चाहिए। इस बीच भारत के रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने साफ शब्दों में कह दिया है कि 1962 और 2017 में अब काफी फर्क आ गया है।

इसके साथ ही भारत ने सिक्किम के नाथू-ला दर्रे से होने वाली मानसरोवर यात्रा को भी रद्द कर दिया है। इससे पहले china ने तीर्थयात्रियों के जत्थे को बॉर्डर पर ही रोक दिया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने 11 प्वॉइंट्स के जरिए china के हर झूठ को बेनकाब किया। भारत ने कहा कि 16 जून को पीएलए की एक टीम डोकलम इलाके में सड़क बनाने के लिए घुसी थी। इसके बाद कहा गया है कि रॉयल भूटान आर्मी ने उनको ऐसा करने से रोका। जेटली ने कहा है कि ड्रैगन दूसरे देश की जमीन पर कब्जा कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत और भूटान के बीच सुरक्षा को लेकर समझौता हुआ है। इस वजह से भारत का चिंतित होना जरूरी है। भारत ने china को याद दिलाया है कि विवाद का हल आपसी बातचीत से निकाला जाता है। ना कि एकतरफा गतिविधियों और आक्रामकता से। सरकार ने साफ कहा है कि चुंबी घाटी का सीमा विवाद शांत तरीके से हल किया जाना चाहिए।

जिस डोकलम इलाके को लेकर भूटान और चीन के बीच विवाद चल रहा है। वो तिब्बत के चुंबी घाटी का हिस्सा है। ये दरअसल भूटान का भूभाग है, लेकिन china इस हिस्से को अपना बताता है। भारत की आतंरिक सुरक्षा के मद्देनजर भी ये जगह काफी अहम है। उधर भूटान भी china की हरकतों से परेशान है। भूटान का कहना है कि उनके मुल्क पर ड्रैगन जबरन कब्जा कर रहा है। इससे पहले व्हाइट हाइस में पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच मुलाकात हुई तो लगा कि ड्रैगन को आग लग गई। china के अखबार ग्लैबल टाइम्स में इस मुलाकात को लेकर कई बातें कही जा रही हैं। ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया कि भारत को china को लेकर इस तरह की आक्रामकता नहीं दिखानी चाहिए। साथ ही अखबार में कहा गया कि china की ताकत भारत के हर मामले में कई ज्यादा है। इस बीच सिक्किम में जिस क्षेत्र को लेकर भारत और china के बीच विवाद चल रहा है, उसे लेकर भी ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है कि जिस क्षेत्र को लेकर भारत आपत्ति जता रहा है, वो china का हिस्सा है।


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