मोदी के 'पहाड़ी शेर' अजीत डोभाल का कारनामा, बलूचिस्तान के बाद चीन को फिर दिया झटका !
Jul 1 2017 8:11PM, Writer:Shantanu
केंद्र की मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के साथ ही विदेश नीति को आक्रामक करना शुरू कर दिया था। इस दौरान सरकार ने कुछ अहम फैसले किए थे। महत्वपूर्ण पदों पर काम के लोगों को बिठाया गया था। इनमें से एक पद है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का। इस पद पर पीएम मोदी ने अजीत डोभाल को बिठाया था। डोभाल के नाम से ही पाकिस्तान की हालत खराब हो जाती है। उन्ही डोभाल को मोदी सरकार ने बेहद ही अहम जिम्मेदारी दी है। अपनी जिम्मेदारी को डोभाल पूरी तरह से निभा भी रहे हैं। मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले अजीत डोभाल ने अभी तक भारत की विदेश नीति को पूरी तरह से बदल के रख दिया है। उनके निशाने पर खास तौर पर पाकिस्तान और चीन है। पाकिस्तान को तो वो कई मौकों पर धूल चटा चुके हैं। लेकिन अब उनके रडार पर चीन है।
चीन पिछले कुछ समय से भारत के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। खास तौर पर पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के बाद से ही चीन आक्रामक हो रखा है। वो सिक्किम में भारतीय सीमा में अतिक्रमण कर रहा है। इसका विरोध भारत की तरफ से किया जा रहा है। चीन ने 1962 की जंग का हवाला देकर भारत को सबक सीखने को कहा। 62 की जंग में भारत की हार हुई थी। इस पर रक्षा मंत्री जेटली ने करारा जवाब देते हुए कहा कि 62 के भारत और 2017 के भारत में जमीन आसमान का अंतर है। इस बात को चीन जितनी जल्दी समझ ले उतना अच्छा रहेगा। लेकिन चीन को जवाब देने के लिए पर्दे के पीछे से रणनीति अजीत डोभाल बना रहे हैं। बलूचिस्तान में चीन का रास्ता रोकने वाले डोभाल ने सिक्किम मामले में भी चीन को झटका दिया है। खास बात ये है कि डोभाल ने इस काम के लिए भूटान को आगे किया।
अजीत डोभाल जिस तरह से काम करते हैं उसका अंदाजा किसी को नहीं है। लेकिन उनके काम का असर जरूर दिखाई देता है। डोभाल के कारण ही भूटान जैसा छोटा देश चीन को आंखे दिखा रहा है। जिस जगह पर चीन सड़क का निर्माण कर रहा है वो जगह भूटान की है। इस पर भूटान ने दावा भी किया है। सूत्रों के मुताबिक भूटान को इस तरह से चीन से पंगा लेने के लिए डोभाल ने ही कहा है। भूटान के साथ भारत के सुरक्षा संबंध है। लिहाजा भूटान को डरने की जरूरत नहीं है। चीन भूटान जैसे देश पर हमला करने की कोशिश नहीं करेगा। लेकिन छोटे देश से घुड़की खा जाना चीन के लिए बेइज्जती है। चीन को बेइज्जती का ये अहसास डोभाल ने कराया है। हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में डोभाल का कहीं जिक्र भी नहीं हुआ है।लेकिन ये सभी को पता है कि अगर चीन को ये सब झेलना पड़ रहा है तो उसके पीछे कौन है।